इटारसी। हमारे देश में मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन कर एक उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है। इस अवसर पर विद्या भारती मध्य भारत प्रान्त द्वारा 16 जिलों में चलने वाले अपने 650 से अधिक सरस्वती शिशु मंदिरों में विद्यारंभ संस्कार की योजना की है। इस कार्यक्रम में 3 वर्ष से 5 वर्ष की आयु समूह के 30,000 से अधिक विद्यार्थियों का विद्यारंभ संस्कार होगा। प्रत्येक विद्यार्थी के साथ उनके माता-पिता को आमंत्रित किया है। यज्ञ-पूजन और विधि-विधान से कार्यक्रम के आयोजन हेतु विद्यालय की प्रबंध समितियों ने व्यापक तैयारियां की हैं। विद्यालयों के आचार्य परिवार, पूर्व छात्र एवं वर्तमान अभिभावक भी इस अभियान में जुड़े हैं।
होशंगाबाद जिले में भी 10 सरस्वती शिशु मंदिरों में यह कार्यक्रम होगा जिसमें ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के 1408 विद्यार्थियों का विद्यारंभ संस्कार किया जायेगा। इस हेतु प्रत्येक विद्यालय में यज्ञ वैदिका बन रही है। विद्यालय के विद्यार्थी और आचार्य साज सज्जा के कार्य में लगे हैं। विद्याभारती के सरस्वती शिशु मंदिरों की एक विशेषता है, वहां की संस्कारप्रद शिक्षा। अनेक शिक्षाविदों और दार्शनिकों का मत है कि बच्चों को संस्कार शिशु अवस्था में ही प्राप्त हो सकते हैं। इसलिये विद्या भारती के विद्यालयों में छोटे बच्चों को संस्कार देने 12 शैक्षिक व्यवस्थाओं के आधार पर शिशुवाटिका का संचालन किया जाता है। इस कार्यक्रम में प्रत्येक विद्यालय में इन व्यवस्थाओं को लेकर भी एक प्रदर्शनी लगाई जा रही है जिससे कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा कैसी हो? इस बारे में अवगत हो सकेंगे। स्थानीय प्रबंध समिति के सचिव रूपसिंह कौरव सचिव एवं प्राचार्य मुकेश कुमार शुक्ला ने जनसामान्य से इस आयोजन में अपने शिशुओं सहित सहभागिता करने की अपील की है।