इटारसी। संपूर्ण विश्व में प्रत्येक प्राणी के जीवन में सुख-दुख, मान-अपमान, लाभ-हानि, यश-अपयश, जन्म-मरण होता ही है। एक जैसा समय किसी के जीवन में नहीं रहता बल्कि बदलता ही रहता है। यह उद्गार बंबई वालों की चाल मालवीयगंज में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में संत भक्त पं. भगवती प्रसाद तिवारी ने कही।
उन्होंने शुकदेव महाराज की राजा परीक्षित को दिए ज्ञान के आधार पर बताया कि दुख-विपत्ति, संकट परेशानी में भगवान का उपकार मानना चाहिए। जीवन में कैसा भी दुख का समय आए तो घबराना नहीं चाहिए। दुख तो भगवान के जीवन में भी आया। उन्होंने कहा कि श्रीराम और श्रीकृष्ण के जीवन में भी दुख आया है। बड़े-छोटे, अमीर-गरीब सबके जीवन में दुख आता है। अपने मन को समझाओ कि मेरा पापा पहाड़ सा है, भगवान ने मुझे थोड़ी सी सजा दी है। परमात्मा जीव को सजा देते हैं तो दया भी बहुत रखते हैं। मनुष्य को सुधरने के लिए सजा दी जाती है। भगवान सुख में नहीं बल्कि दुख में साथ होते हैं। उन्होंने कहा कि सुख में साथ दे, वह जीवात्मा है और जो दुख में साथ दे वो परमात्मा है, इसलिए मनुष्य को प्रभु की भक्ति, आराधना, उपासना, प्रार्थना सदैव करते रहना चाहिए।