सृष्टि के पालक और संहारक भगवान शिव ही है – पं. विनोद दुबे

Post by: Manju Thakur

इटारसी। जगत का यह शाश्वत शब्द है, प्रकृति का संतुलन बनाने के लिए ओर कोई यह कार्य नहीं कर सकता प्रकृति स्वंय अपना संतुलन बनाती है। जब पृश्वी पर अत्याचार बढे तब द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का बध करके पृथ्वी को पापों से मुक्त किया और त्रेता युग में जब राक्षसों ने सिर उठाया तब रघुवंश में जन्म लेकर प्रभु श्रीराम ने पापों से मुक्ति दिलाई।
उक्त उदगार पं. विनोद दुबे ने श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर में चल रहे पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं रूद्राभिषेक के अवसर पर व्यक्त किए। श्री दुबे ने कहा कि सृष्टि का पालनहार और संहारक एक ही है। जिसे अभ्यंकरण, प्रलयंकर, आशुतोष, औघड़दानी भगवान शिव के रूप में जाना जाता है। श्रावण का प्रथम सोमवार होने के कारण मंदिर में आज महिला भक्तों की ज्यादा भीड़ थी शिवार्चन करने के लिए दूर-दूर से महिलाएं मंदिर पहुंची थी। अरब सागर एवं सात पवित्र नदियों के जल से भगवान शिव का अभिषेक कराया गया एवं श्मशान की ताजा राख भी शिव जी को लगाई गई और उनके प्रिय फल धतूरे का भोग भी उन्हें लगाया गया।
सत्येन्द्र पांडे ने श्रावण मास के सोमवार की विशेषता बताई उन्होंने कहा कि नारद पुराण के अनुसार जिस व्यक्ति को सोमवार का व्रत करना है उसे सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए एवं किसी भी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध और जल चढाना चाहिए। हिन्दू धर्म में श्रावण मास का अभिषेक महत्व है, क्योकि भगवान शिव की आराधना इसी माह में की जाती है उन्हें प्रसन्न करने और अपनी इच्दाओं की पूर्ति करने के व्रत रखे जाते है परंतु सोमवार का व्रत अपना विशेष महत्व रखता है। पं. सत्येन्द्र पांडे ने कहा कि कुंवारी कन्याओं के लिए 16 सोमवार का व्रत रामवाण जैसा है इस व्रत को करने से मनचाहा पति मिल जाता है। उन्होंने कहा कि नारद पुराण के अनुसार सावन मास में सोमवार के दिन जो व्रत रखते है। उन्हें सुबह और शाम भगवान शिव के मंदिर में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन अर्चन करना चाहिए एवं सोमवार की व्रत कथा जरूर सुनना चाहिए तथा शाम को पूजा के बाद अपना व्रत खोल लेना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार सावन सोमवार व्रत में तीन पहर तक उपवास रखकर उसके बाद व्रत खोल लेना चााहिए याने कि एक समय भोजन कर लेना चाहिए।
सोमवार का दिन होने के कारण पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए महिला भक्तों में होड़ मची थी श्मशान की माटी से बनाए गए शिवलिंग का विशेष पूजन श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर में पिछले कई वर्षो से किया जा रहा है। पं. पीयूष पांडे, पं. सत्येन्द्र पांडे एवं मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे तीनों सामूहिक रूप से पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं अभिषेक में मंत्रोचार सहित पूजन एवं अभिषेक करा रहे है। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर समिति ने समस्त श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है जो भी शिव पूजन एवं रूद्राभिषेक कराना चाहते है वह मंदिर के पुजारियों से संपर्क कर धार्मिक लाभ प्राप्त कर सकते है।
वर्षा के लिए अनुष्ठान
इटारसी शहर में अल्प वर्षा के कारण पानी का संकट बना हुआ है और तेज गर्मी से नागरिक हैरान परेशान है। श्रावण के पहले सोमवार पर मुख्य आचार्य विनोद दुबे, आचार्य सत्येन्द्र पांडे एवं पीयूष पांडे ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान किया एवं भग्रवान शिव से प्रार्थना की कि इटारसी शहर में जल्द ही पर्याप्त वर्षा करवाए।

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