श्री बूढ़ी माता मंदिर में श्री शतचंडी महायज्ञ
तैयारियां अंतिम दौर में
इटारसी। श्री बूढ़ी माता मंदिर मालवीयगंज में 5 फरवरी से शुरु होने वाले शतचंडी महायज्ञ की तैयारियां अंतिम दौर में है। मंदिर समिति ने मंदिर के पीछे इस बार मेले का क्षेत्र बढ़ाया है और इसकी अवधि भी पिछले सालों की तुलना में करीब पांच दिन और बढ़ा दी है।
मंदिर परिसर को भी पहले की अपेक्षा विस्तार दिया है। मुख्य मंदिर के दाहिने तरफ बने छोटे मंदिरों को हटाकर पीछे किया गया है जिससे अब मुख्य मंदिर के सामने और दाहिने ओर काफी जगह निकल आयी है। मेले का स्थल समतल करके उसे और बड़ा किया है। मेले में लगने वाली दुकानों का ले आउट भी डाल दिया है। मेला स्थल पर झूले, चकरी, मिकी हाउस और अन्य दुकानें भी लगना शुरु हो गई हैं।
श्री शतचंडी महायज्ञ का शुभारंभ 5 फरवरी रविवार को सुबह 8 बजे कलशयात्रा से होगा। कलश यात्रा श्री माता महाकाली दरबार से प्रारंभ होकर श्री बूढ़ी माता मंदिर आएगी। इस दौरान कलश यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरेगी. श्री शतचंडी महायज्ञ के दौरान पंचांग पूजन, ब्राह्मण वरण, मंडपस्थदेवता पूजन, श्रीरामचरित मानस के सुंदरकांड पाठ व श्रीमद् देवी भागवत पाठ तथा दुर्गा पाठ चलेंगे. 5 फरवरी को ही शाम 4 बजे से अरिणमंथन द्वारा अग्नि प्राकट्य एवं यज्ञ प्रारंभ होगा।
अगले दिन 6 से 10 फरवरी तक प्रतिदिन प्रात: 8 से दोपहर 12 बजे तथा दोपहर 2:30 से शाम 5:30 बजे तक पूजन एवं दुर्गा सप्तशती पाठ एवं रूद्राभिषेक यज्ञ, आरती एवं प्रसाद वितरण होगा। 10 फरवरी शुक्रवार को दोपहर 2 बजे से पूर्णाहुति, पूजन, आरती, प्रसाद वितरण, ब्राह्मण व कन्याभोज, महाप्रसाद वितरण होगा। 6 फरवरी से 9 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक प्रवचन चलेंगे जिसमें प्रवचनकर्ता पं. चंद्रकांत भार्गव कृष्ण भक्त द्वारा प्रवचन दिए जाएंगे। श्री शतचंडी महायज्ञ के यज्ञाचार्य पं. रामगोपाल त्रिपाठी हैं। मंदिर समिति ने दानदाताओं से आग्रह किया है कि वे भेंट राशि मंदिर कार्यालय में ही दें तथा रसीद अवश्य प्राप्त करें।
मेला चलेगा 15 तक
मंदिर समिति ने इस वर्ष मेले की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। मंदिर समिति के जगदीश मालवीय ने बताया कि श्री शतचंडी महायज्ञ का समापन 10 फरवरी को हो जाएगा लेकिन मंदिर के पीछे स्थित मैदान पर लगने वाले मेले की अवधि इस वर्ष पांच दिन बढ़ा दी है. यानी इस वर्ष यज्ञ की पूर्णाहुति 10 फरवरी को होगी लेकिन मेला 15 फरवरी तक चलेगा. उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे सात दिन चलने वाले यज्ञ में शामिल होने के साथ ही बढ़ी हुई अवधि में मेले का लाभ प्राप्त करें।