श्रीरामलीला महोत्सव में भरत मिलाप की लीला हुई

Post by: Rohit Nage

नर्मदापुरम। श्रीराम लीला महोत्सव (Shri Ram Leela Mahotsav) के अंतर्गत बीती रात भरत मिलाप (Bharat Milap) की लीला हुई। मंचन में बताया कि राजा दशरथ (King Dashrath) के स्वर्गवास होने के उपरांत अयोध्या में राज समाज की बैठक होती है, जहां ब्रह्मऋषि वशिष्ठजी और श्रीभरत (Shri Bharat) और श्रीशत्रुघ्न (Shri Shatrughan) के साथ समाज श्रीरामजी (Shri Ramji) से भेंट करने वन की ओर प्रस्थान करते हैं।

वन में उनकी भेंट निषादराज (Nishadraj) से होती है, भरतजी को निषाद उन सभी पवित्र स्थलों का दर्शन कराते जहां श्रीराम जी ने विश्राम किया था, पश्चात निषाद, भरत जी को उस स्थान पर ले जाते है जहां पर श्रीराम जी, जानकीजी और लक्ष्मण जी रह रहे होते हैं। श्रीभरत और श्रीराम का मिलन होता है, वन में ही वशिष्ठ जी के मार्गदर्शन में राजसमाज की बैठक होती है जिसमें श्रीराम जी कहते हैं कि वे पिताजी के वचनानुसार 14 वर्ष वनवास व्यतीत करने के उपरांत ही अयोध्या आवेंगे।

भरतजी श्रीराम राज्याभिषेक के लिए लाए गए पवित्र नदियों के जल को अत्रिमुनि के द्वारा बताए गए कुएं में विसर्जित कर देते हैं श्रीराम जी अपनी निशानी के रूप में भरतजी को अपनी खड़ाऊं दे देते हैं। आज की लीला में प्रतीक दुबे ने श्रीराम, सम्पूर्ण चतुर्वेदी ने जानकी, अक्षय मिश्रा ने लक्ष्मण, समर्थ तिवारी ने भरत, आराध्य गार्गव ने शत्रुघ्न, विनोद परसाई ने वशिष्ठ, मनोज परसाई ने निषाद, अवनीश उपाध्याय ने अत्रि मुनि की भूमिका निभाई।

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