इटारसी। कलयुग के आरंभ में सनातन की स्थापना के लिए भारत की चारों दिशाओं में चार शंकराचार्य मठ की स्थापना करने वाले भगवान शिव शंकर के अवतार आदि गुरु शंकराचार्य के अनुयाई गोस्वामी समाज के संतों का राष्ट्रीय सम्मेलन इटारसी में आयोजित किया गया। इटारसी के प्रसिद्ध कथा व्यास ब्रम्हलीन महंत सुंदर गिरी महाराज की स्मृति में आयोजित इस संत सम्मेलन में देश के संतों ने भाग लिया जिनका सम्मान दशनाम गोस्वामी समाज एवं सनातनियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में संयोजक श्याम गिरी ने किया।
सूरत गिरी बंगला हरिद्वार आश्रम मुंबई के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद के मार्गदर्शन में संपन्न हुए इस राष्ट्रीय संत सम्मेलन में स्वामी श्री सदानंद गिरी महाराज अमेरिका, अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास स्वामी विश्व स्वरुपानंद गिरि महाराज हरिद्वार, रामस्वरूपानंद गिरि महाराज जयपुर, स्वामी परमानंद जी महाराज सूरत, स्वामी विवेकानंद जी पुणे, स्वामी रत्नानंद गिरी महाराज वर्धा एवं स्वामी शिव शंकर आनंद महाराज मुंबई ने अपनी-अपनी वाणी से आदिगुरु शंकराचार्य के महान जीवन पर प्रकाश डाला।
संतों ने कहा कि परमपिता परमात्मा श्री कृष्ण ने कलयुग के चलायमान के लिए श्रीमद् भागवतगीता का जो उपदेश दिया, उस उपदेश को लेकर ही जगद्गुरु शंकराचार्य ने भारत वर्ष में धर्म की विजय पताका लहराई। चारों दिशाओं में इसके विस्तार के लिए चार शंकराचार्य मठ की स्थापना की। स्वागत कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश पटेल ने किया एवं आभार ब्रम्हलीन महंत श्री सुंदर गिरी महाराज के पुत्र श्याम गिरी ने किया।