न्यूज अपडेट: केवल पार्टस बेचने चुराता था हजारों की बाइक

Post by: Manju Thakur

चुराई 7 बाइक बरामद की
इटारसी। पुलिस ने एक ऐसे शातिर चोर को गिरफ्तार किया है जो होशंगाबाद और इटारसी से बाइक चुराकर रेलवे के खाली पड़े सूने आवासों में ले जाकर उनके पाट्र्स निकालता और फिर उन पाट्र्स को कबाड़ी को बेच दिया करता था। इसमें उसे पकड़े जाने का खतरा कम नज़र आता था क्योंकि पूरी बाइक बेचने में पकड़े जाने का डर रहता है, जबकि पाट्र्स में ऐसा खतरा नहीं था। लेकिन, उसका यह शातिर दिमाग भी फेल हो गया और आखिरकार वह पुलिस की गिरफ़्त में आ ही गया।
एसडीओपी अनिल शर्मा और टीआई भूपेन्द्र सिंह मौर्य ने आज यहां पुलिस थाने में बाइक चोरी की घटनाओं का खुलासा किया। एसडीओपी श्री शर्मा ने बताया कि नाला मोहल्ला निवासी इस शातिर बाइक चोर के चोरी के अंदाज निराले थे। यह बाइक चुराकर केवल उसके पाट्र्स बेचता था। मामले में पुलिस ने बाइक के पुर्जे खरीदने वाले कबाड़ी को भी गिरफ्तार किया है। इसके पास से खरीदे गए बाइक के पुर्जे जब्त किए हैं।
टीम बनाकर किया गिरफ्तार
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अनिल शर्मा और टीआई भूपेन्द्र सिंह मौर्य ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से बड़ी मात्रा में बाइक चोरी की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। एसपी आशुतोष प्रताप सिंह के निर्देश पर एडिशनल एसपी शशांक गर्ग और एसडीओपी अनिल शर्मा के मार्गदर्शन में टीआई के नेतृत्व में एक टीम बनायी गई। टीम में एएसआई संजय रघुवंशी, आरक्षक जयपाल, राजेश पवार, अजय खातरकर, भिक्कू यादव, भागवेन्द्र, राजेश जैन शामिल थे। टीम ने मुखबिर को सक्रिय करके सूचना प्राप्त की और आरोपी दीपक पिता रामदास मेहरा 24 वर्ष निवासी राज टाकीज के पीछे को पकड़कर उसके पास से एक बाइक बजाज डिस्कवर जब्त की।
सात बाइक हुई हैं जब्त 
पुलिस ने दीपक मेहरा से पूछताछ के बाद कुछ बाइक जब्त की हैं। जब उसे उसके घर से गिरफ्तार किया तो एक डिस्कवर ही जब्त हुई थी। पूछताछ के बाद उससे एक अपाचे, एक पल्सर, एक होंडा साइन, एक प्लेटिना, एक स्टार स्पोट्र्स, एक स्पलेंडर प्लस सहित कुल सात बाइक जब्त की। आरोपी इनके शॉक-अप और एलाय व्हील खोलकर पांच-पांच सौ रूपए में बेच देता था। पुलिस ने पिछले दिनों बारह बंगला के सूने रेलवे आवास से जो बाइक जब्त की हैं, वह सब इसी दीपक द्वारा चुराई गई थीं। दीपक से जो बाइक जब्त की हैं उनमें पांच मोटर सायिकल होशंगाबाद तथा दो इटारसी से चुराना बतायी गई है। सारी बाइक बरामद हो गई हैं।
सूने आवास में खोलता था
दीपक ने बताया कि बाइक चुराने के बाद वह इनको अपने घर नहीं ले जाता था। उसने रेलवे कालोनियों के सूने आवासों का अपना अड्डा बनाया था जहां वह चोरी की बाइक ले जाकर रख देता था। चूंकि ये रेलवे के रिक्त और खंडहर आवास होते थे, अत: इस तरफ किसी का ध्यान भी नहीं होता था तथा यह अपना काम आसानी से करता था। यहां यह बाइक के कलपुर्जे खोल लेता था और केवल ऐसे पुर्जे ही कबाड़ी को बेचता था जिनसे पकड़े जाने का खतरा नहीं होता था। पुलिस के अनुसार यह केवल बाइक के अगले शॉक-अप और एलॉय व्हील ही खोलकर बेचता था। दीपक ने बताया कि इनसे उसे प्रत्येक पाट्र्स 5 सौ रुपए मिलते थे।
कबाड़ी को भी पकड़ा
पुलिस ने दीपक से बाइक के कलपुर्जे खरीदने वाले कबाड़ी विजय पिता देशराज मेहता 62 वर्ष को भी पकड़कर उसके पास से दीपक द्वारा बेचे गए बाइक के पाट्र्स जब्त किए हैं। दीपक के खिलाफ धारा 379 के तहत कार्रवाई की गई जबकि विजय मेहता पर 411 के तहत गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से करीब ढाई लाख रूपए की सात मोटर सायकिल बरामद की हैं। दीपक इससे पहले 2015 में भी बाइक चोरी के तीन मामलों में जीआरपी द्वारा पकड़ा जा चुका है। बाइक चोरी करके रेलवे के खाली पड़े आवास में पुर्जे खोलकर बेचता था। दीपक लंबे समय से बाइक चोरी कर रहा है, उसे पहले तीन बार जीआरपी भी बाइक चोरी में पकड़ चुकी है।
पुलिस लिखकर बचता था
दीपक बाइक चोरी करने में तो माहिर है, उसका दिमाग अपराध करके बचने में भी खूब चलता है। उसने पकड़े जाने से बचने के लिए जहां बाइक के केवल पाट्र्स बेचने का जो तरीका अपनाया तो बाइक पर पुलिस लिखकर पुलिस की नज़रों में धूल झौंकने का भी तरीका अपनाया। उसने एक बाइक पर पुलिस भी लिखवा लिया था जिसे वह चलाता रहता था। दीपक के पिता रामदास मेहरा पान की दुकान चलाते हैं तथा घर में उसका एक छोटा भाई भी है। दीपक को अपनी करनी पर ज़रा भी पछतावा नहीं लगा क्योंकि पुलिस की हिरासत में भी वह कहीं से चिंतित नज़र नहीं आ रहा था। पुलिस कर्मियों से वह पूरे वक्त हंसते हुए बात करता रहा।
भीड़ वाला स्थान चुनता था
दीपक मेहरा ने पुलिस को बताया कि वह मोटर सायकिल चोरी के लिए भीड़ वाले स्थानों का चयन ही करता था। वह बाइक चुराने की योजना के तहत बाइक में मास्टर चाबी लगाकर उनके ताले खोलने का प्रयास करता था। जिस बाइक का ताला खुल जाए उसे लेकर रफूचक्कर हो जाया करता था। दीपक ने बरामद मोटरसायकिल में सबसे अधिक पांच बाइक होशंगाबाद से चुराई है और इटारसी से केवल दो बाइक ही चुराना स्वीकार किया है। बाइक चुराकर वह सूने आवास में जाकर कलपुर्जे खोलकर कबाड़ी को बेच देता था और बाइक वहीं छोड़ देता था। यही गलती उसे भारी पड़ी क्योंकि आवासों के पास वहीं दिखा तो जांच में सामने आ गया।

error: Content is protected !!