महिलाओं ने मुर्गी पालन में 36 करोड़ रूपए का कारोबार किया

Post by: Manju Thakur

इटारसी। आदिवासी विकासखंड केसला में सन् 2004 में केसला पोल्ट्री सहकारी समिति की स्थापना हुई थी आदिवासी महिलाओं की यह समिति अपने अपने गांव में मु्र्गा पालन का कार्य करती है। सन् 2004 में कुल 276 महिलाएं सदस्य थीं जबकि वर्ष 2018 में 47 गांव में 39 सुपरवाइजर की निगरानी में मुर्गा पालन का कार्य करती हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समिति की दिल्ली में सराहना कर चुके हैं, और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दो बार इस समिति के क्रियाकलापों को देखने के लिए सुखतवा आ चुके हैं। सुखतवा चिकन के नाम से पूरे मध्यप्रदेश में यहां का मुर्गा प्रसिद्ध है और देश के कई राज्यों में इसकी सप्लाई होती है। इस सहकारी समिति की मुख्य संस्था मप्र वूमेन पोल्ट्री प्रोड्यूसर्स कंपनी है, जिसने स्वंय के चूजे बनाने की फैक्ट्री ग्राम जमानी में स्थापित की है, एवं इसी कंपनी में विदेशी बैंक से ऋण लेकर कीरतपुर औद्योगिक क्षेत्र में मुर्गी दाना फैक्ट्री स्थापित की है। केसला पोल्ट्री की महिलाओं ने शोषण से मुक्ति के बाद आत्मविश्वास से मुर्गी का काम गांव-गांव में शुरू किया, और जहां पहले इन आदिवासी महिलाओं का हर जगह शोषण हेाता है वहीं मुर्गा पालन के कारण इनके चेहरे पर मुस्कान है। स्वावलंबी होने के साथ-साथ आर्थिक रूप से यह मजबूत भी हुई है। समिति की अध्यक्ष कुंतीबाई ने ग्राम सुखतवा में हजारों महिलाओं की उपस्थिति में वर्ष 2017-18 का आय व्यय प्रस्तुत किया। होशगांबाद और बैतूल जिले के जिन मुर्गा पालकों ने साल भर अच्छा उत्पादन किया उन्हें समिति की ओर से कई प्रकार के पुरस्कार दिए गए। मुर्गा पालन के क्षेत्र में असम के डॉ हरेकृष्ण डेका मप्र वूमेन पोल्ट्री प्रोड्सूसर्स कंपनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैं, उन्होंने इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति ऊपर उठाने में बहुत मेहनत की है।
वर्तमान में केसला पोल्ट्री के मैनेजर डॉ मुकद्दस अली हैं जो अपनी पूरी टीम के साथ महिलाओं का आर्थिक स्तर ऊपर उठाने तथा उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए कार्य कर रहे है। मंगलवार को सुखतवा सत्रहवीं वार्षिक आम सभा में आदिवासी महिला एवं पुरूषों ने नृत्य भी किए, एवं हर महिला और पुरूष के चेहरो पर प्रसन्नता के भाव थे। इस अवसर पर मप्र वूमेन पोल्ट्री प्रोड्यूसर्स के डायरेक्टर डॉ पवन हजारिका भी उपस्थित थे। आदिवासी महिलाओं के वार्षिक सम्मेलन में बैतूल एवं होशंगाबाद जिले के अधिकारी उपस्थित थे।

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