एसडीएम दफ्तर विरोध जताने पहुंची गांव की दर्जनों महिलाएं
इटारसी। ग्राम पंचायत पथरोटा (Pathrotha) के अंतर्गत ग्राम जिलवानी, कुबड़ाखेड़ी की महिलाएं ट्रेंचिंग ग्राउंड (Trenching ground) पर प्रतिदिन नगर पालिका (Nagarpalika) द्वारा डाले जा रहे कचरे में आग लगाने से परेशान हैं और अपनी इस समस्या को लेकर आज वे एसडीएम (SDM) दफ्तर विरोध करके कचरा डंप करना रोकने की मांग लेकर पहुंचीं थी।
बता दें कि नगर पालिका को कचरा प्रबंधन के लिए शासन से करीब 13 एकड़ भूमि मिली है। गांव के लोग प्रारंभ से ही इसका विरोध कर रहे हैं। प्रारंभिक दिनों में गांव के लोगों के विरोध को प्रशासन ने नजरअंदाज कर दिया और यहां कचरा डंप करना प्रारंभ भी हो गया है। शहर का करीब 30 टन कचरा हर रोज छोटे कचरा वाहनों से जिलवानी ले जाकर डंप किया जा रहा है। ग्रामीणों ने प्रारंभिक दिनों में विरोध के बाद विरोध बंद कर दिया था। लेकिन, अब कचरे में आग लगायी जाने से ग्रामीणों का विरोध मुखर हो गया है।
जीना मुश्किल हो गया है
ग्रामीणों का कहना है कि सफाई कर्मचारियों द्वारा जिलवानी ट्रेंचिंग ग्राउंड (Jilwani Trenching Ground) में डालकर आग लगाई जा रही है। कचरे के ढेर से उठने वाला जहरीला धुआं जिलवानी, कुबड़ाखेड़ी, पथरोटा सहित अन्य गांवों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। गांव के बच्चे और बुजुर्ग इससे सबसे ज्यादा परेशान हैं। गांव के लोगों को सांस लेना भी दूभर हो रहा है। जहरीला धुंआ उनके फेफड़े खराब कर रहा है। धुएं की वजह से शाम होते ही धुंध छा जाती है, साफ तौर पद वायु प्रदूषण महसूस किया जाता है। इस परेशानी को लेकर गांव की महिलाएं आज एसडीएम एमएस रघुवंशी (SDM MS Raghuvanshi) से मुलाकात करने उनके दफ्तर पहुंची थीं।
सरपंच भी कर चुके हैं शिकायत
ग्राम पंचायत पथरोटा के अंतर्गत आने वाले इन गांवों के लोगों की परेशानी को समझते हुए सरंपच कोदूलाल उईके (Sarmpach Kodulal Uike) ने पहले भी करीब एक वर्ष पूर्व शिकायत की थी। उन्होंने कलेक्टर को भी पत्र लिखकर कहा था कि स्कूल और आंगनवाड़ी के बच्चों को इससे खासी परेशानी उठानी पड़ रही है, साथ ही गांव के बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। एसडीएम कार्यालय सरंपच ने आज भी कहा कि यहां कचरे में आग भी लगायी जा रही है। आज उन्होंने पटवारी और पंचायत सचिव के साथ भी क्षेत्र का निरीक्षण कर पाया कि वहां आग से फैल रहे धुएं के कारण गांव में लोगों को परेशानी हो रही है।
कुछ लोगों की है कारगुजारी
दरअसल, नगर पालिका के स्वच्छता विभाग का कहना है कि सफाई कर्मचारियों को आग लगाने से या हमें आग लगाने से क्या मिलेगा? हम तो आग बुझाते हैं। कुछ लोग हैं, जो इस भूमि पर काबिज थे। उनसे भूमि छिन जाने से इस तरह की राजनीति कर रहे हैं। ये लोग ही रात में आग लगाते और गांव के लोगों को बहकाते हैं। वे चाहते हैं कि नगर पालिका यह जमीन खाली कर दे तो वे पुन: अपना वही पुराना गोरखधंधा चालू कर लें, अब यह संभव ही नहीं है। उस भूमि पर आगे और योजनाएं संचालित होनी है। ग्रामीण महिलाओं को बहकाकर अपना काम निकालने वालों को अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए।
ये बोली महिलाएं
हमारी मांग है कि यहां कचरा फैकना ही बंद होना चाहिए। एक वर्ष से अधिक समय से कचरे में आग लगाने से परेशान हैं। गांव में बच्चे-बुजुर्ग बीमार हो रहे हैं। कई बार समस्या से अवगत कराया। लेकिन, अधिकारियों के कानों में जूं भी नहीं रेंग रही है।
क्रांति भल्लावी, ग्रामीण
नगर पालिका द्वारा पूरी इटारसी का कचरा यहां डालकर आग लगायी जा रही है। जिससे ग्रामीणों को धुएं से सांस लेने में तकलीफ हो रही है। लोग बीमार हो रहे हैं। लोगों को सांस की बीमारी हो रही है। हमारी मांग है कि यहां कचरा नहीं फैका जाए।
सुधा मेहरा, ग्रामीण
नगर पालिका के लोग यहां कचरा फैककर आग लगा देते हैं, जिससे कुबड़ाखेड़ी, जिलवानी सहित आसपास के आधा दर्जन गांव-टोलों के लोग परेशान हैं। आज मैंने भी मौके पर जाकर देखा है, बड़ी मात्रा में धुएं से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है और ग्रामीण परेशान हैं।
कोदूलाल उईके, सरपंच
इनका कहना है…
यहां हमारे कर्मचारी आग नहीं लगाते। ये कुछ लोगों की कारगुजारी है, ताकि जगह खाली करें। यह संभव नहीं है। कुछ आसपास के लोग ही जला देते हैं, इससे कई दिनों तक आग सुलगती रहती है। हम रोज फायर वाहन, जेसीबी और पोकलेन मशीन भेजकर कचरा पलटवाकर आग बुझाते हैं। यहां बाउंड्रीवाल बन जाने के बाद आग की समस्या भी खत्म हो जाएगी।
आरके तिवारी (RK Tiwari, Sanitary Inspector)