इटारसी। आचार्य नरेश परसाई (Acharya Naresh Parsai) के सान्निध्य में ग्राम निनोर (Village Ninor)में चल रही शिव महापुराण (Shiv Mahapuran) के पंचम दिवस के अंतर्गत आचार्य पुष्कर परसाई (Acharya Pushkar Parsai) ने कहा कि जीवन में जब तक गुरु नहीं आता, तब तक भगवत प्राप्ति होना मुश्किल है। गुरु हमारी योग्यता को समझ कर हमें भजन का मार्ग बताते हैं। गुरु पहचान जाते हैं कि हमें किस मार्ग की आवश्यकता है। नारद जी (Narad ji)को भी अभिमान हो गया था किंतु जब शिव जैसे गुरु मिले तो नारद भी अभिमान शून्य हो गए।
आचार्य पुष्कर परसाई ने शिव विवाह (Shiva marriage) का वर्णन करते हुए कहा कि भगवती पार्वती ( Bhagwati Parvati) ने बड़ी कठोर तप साधना की तब भगवान शिव प्राप्त हुए। जीवन में भगवत प्राप्ति बिना तपस्या बिना साधना के संभव नहीं हरि नाम के बिना भगवत प्राप्ति संभव नहीं भगवान का नाम है इस कलयुग में भगवत प्राप्ति का एकमात्र साधन है। सतयुग, त्रेता, द्वापर में भगवत प्राप्ति बड़े-बड़े जप अनुष्ठान साधना समाधि से होती थी किंतु कलयुग में भगवत प्राप्ति सहज ही भगवन नाम से हो जाती है।
भगवान का नाम भगवान से भी बड़ा है भगवत नाम के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन से काम, क्रोध, लोभ, मोह, मात्सर्य आदि दुर्गुण सब भाग जाते हैं पता भी नहीं चलता इस कलयुग में भगवान का नाम ही फिर भवसागर से पार कराने का एकमात्र साधन है इस लिए प्रत्येक मनुष्य को जो अपना कल्याण चाहते हैं, उन्हें नित्य प्रति कुछ नियम पूर्वक भगवान के नाम का जाप करना चाहिए। कथा का समय नित्य 2 बजे से 5 बजे तक ह।ै आयोजक सीएल गौर ने कथा श्रवण हेतु सभी से आने का आग्रह किया। भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा में पंडित पंकज पाठक के आचार्यत्व में द्वितीय दिवस का कार्यक्रम प्रात: काल सम्पन्न हुआ।