---Advertisement---

बहुरंग … कोरोना का रोना

By
On:
Follow Us

विनोद कुशवाहा (Vinod Kushwaha)

मेरे एक अभिन्न मित्र, पार्षद एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष कुलदीप रावत के पिताश्री महेश रावत ने विगत् दिनों व्हाट्सएप पर मुझे एक संदेश प्रेषित किया जो उनकी जागरूकता का प्रमाण है। वैसे भी उन्हें एक जिम्मेदार और जागरूक नागरिक के रूप में देखा जाता है। इस बार ‘ नर्मदांचल’ में उनका संदेश अपनी भाषा में आपसे साझा कर रहा हूं क्योंकि ये स्तम्भ अंततः जागरूक पाठकों के हितार्थ ही तो है ।
12 सितंबर को सायं 4 बजे इटारसी शहर के एक रहवासी मूलचंद मिस्त्री को घबराहट और सांस लेने में तकलीफ होने के कारण उन्हें सरकारी अस्पताल ले जाया गया। वहां बिना उनकी पर्ची कटे, बिना उनका चेकअप किये उनको कोविद 19 सेंटर में भेज दिया गया ।अस्पताल स्टॉफ में से किसी ने भी ये जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर मूलचंद मिस्त्री को समस्या क्या है।
उल्लेखनीय है कि मूलचंद मिस्त्री पहले चेकअप में पॉजिटिव नहीं पाए गए थे। बावजूद इसके उनको कोविद 19 सेंटर में कोरोना मरीजों के बीच सिर्फ संदेह के आधार पर भर्ती रखा गया।
सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर ने उनके परिवार के किसी सदस्य से दूर से ही तकलीफ पूछकर उन्हें दवाई दे दी और उनको ऑक्सीजन लगा दी गई । इस तरह रात भर भगवान भरोसे उनका इलाज चलता रहा। इलाज के दौरान किसी डॉक्टर ने न तो मूलचंद मिस्त्री की हालत की जांच करने की आवश्यकता समझी और न ही उनकी खबर लेने की जरूरत समझी। मात्र नर्सें ही दूर से पूछताछ कर उनका हालचाल लेने की औपचारिकता पूरी करती रहीं ।
अलसुबह मूलचंद मिस्त्री की तबियत जब ज्यादा बिगड़ने लगी तो उनके परिजनों के गिड़गिड़ाने पर अस्पताल अधीक्षक डॉ शिवानी ने अपने स्टाफ से उन्हें दिखवाकर मूलचंद मिस्त्री को मृत घोषित कर दिया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान डॉ शिवानी मरीज से दूर खड़े रह कर सारा तमाशा देखते रहे । बाद में उन्होंने परिवार के एक सदस्य से हस्ताक्षर करा कर उनको एक पर्चा भर थमा दिया। परिजनों के पूछने पर डॉ शिवानी ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया ।
हास्यास्पद स्थिति यह है कि अस्पताल प्रशासन ने मूलचंद मिस्त्री के परिवार के सदस्यों पर मृत शरीर को उठा कर ले जाने के लिए दवाब भी बनाया। जब परिजनों ने इसके लिए स्ट्रेचर मांगा तो उन्हें मना कर दिया गया। शव वाहन भी नहीं दिया गया। आखिरकार परिवार के सदस्यों ने अपने किसी परिचित से ऑटो बुलवाकर खुद के हाथों से ही शव को उठाया। अस्पताल स्टॉफ के किसी भी सदस्य ने शव को छूने और मदद करने से मना कर दिया।
अतएव नागरिकों से निवेदन है कि जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। बाहर निकलने पर मास्क का उपयोग अवश्य करें। सेनेटाइजर से हाथ को साफ करते रहें। अन्यथा सरकारी अस्पताल में कोई हाथ तक नहीं लगायेगा।

vinod kushwah
विनोद कुशवाहा (Vinod Kushwaha)
9425043026

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement
Noble Computer Services, Computer Courses
Royal Trinity

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.