बहुरंग: आई पी एल: संजू सैमसन के संग

Post by: Poonam Soni

विनोद कुशवाहा/ इस कोरोना काल में आई पी एल का बड़ा सहारा है। सुबह से शाम तक का समय इंतजार में बीत जाता है। उसके बाद फिर सिर्फ आई पी एल की चर्चा। जिसमें आज तो दो मैच हैं। पहला मैच कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच चैन्नई में। दूसरा मैच मुंबई में पंजाब किंग्स तथा दिल्ली कैपिटल्स के मध्य। पहले बात पहले मैच की। इस सीजन के पहले दो मैच जीतकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु अंक तालिका में बढ़त बनाये हुए है। हालांकि उसने अपने पहले दोनों मैच भाग्य भरोसे जीते हैं। इनमें भी कप्तान कोहली का प्रदर्शन कोई बहुत अधिक अच्छा नहीं रहा। चेन्नई में भी आज के मैच में उनसे और उनकी टीम से ज्यादा उम्मीद रखना व्यर्थ होगा। उधर मुंबई के अपने दूसरे मैच में हम दिल्ली कैपिटल्स की पंजाब पर जीत की आशा कर सकते हैं। खैर।

इन दिनों सबकी नजर में केवल वे ही कप्तान हैं जो कप्तान होने के साथ-साथ विकेट कीपर भी हैं। दरअसल विकेटकीपर कप्तानी की शुरुआत् सही मायने में महेन्द्र सिंह धोनी से हुई। वर्तमान में के एल राहुल पंजाब किंग्स, संजू सैमसन राजस्थान रॉयल्स, रिषभ पंत दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी कर रहे हैं, तो महेन्द्र सिंह धोनी चैन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी पर काबिज हैं ही। राजस्थान रॉयल्स के विस्फोटक बल्लेबाज बटलर का कहना है कि- ‘ऐसे कप्तानों को विकेट के पीछे खड़े रहने का फायदा मिलता है’। वे संजू सैमसन की कप्तानी पर भी विश्वास जताते हैं।

पंजाब किंग्स के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स को भले ही जीत न मिली हो पर’ मैन ऑफ द मैच’ संजू सैमसन ही रहे। उन्होंने 12 चौके और 7 छक्कों की मदद से 119 रनों की शानदार पारी खेली। जबकि उनकी टीम का कोई भी बल्लेबाज 30 के स्कोर तक भी नहीं पहुंच पाया। इधर संजू दूसरे छोर पर डटे रहे। अंतिम गेंद के पहले उन्होंने मॉरिस को रन लेने से रोक कर स्ट्राईक अपने पास ही रखी। उल्लेखनीय है कि जीत के लिए मात्र 5 रनों की जरूरत थी। दुर्भाग्यवश पंजाब किंग्स के दीपक हुड्डा ने अर्शदीप की बॉल पर संजू सैमसन का कैच पकड़ लिया। दीपक हुड्डा ने अपनी टीम के लिए 64 रनों की अद्भुत पारी भी खेली थी। अन्यथा एक समय तो पंजाब किंग्स का रन रेट 8.9 ही चल रहा था जो उनके मैदान पर उतरने के बाद बढ़कर 10 तक पहुंच गया था। तो पंजाब किंग्स की जीत में दीपक हुड्डा का योगदान नहीं भुलाया जा सकता मगर संजू सैमसन ने अपने खेल से क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया। हालांकि अंतिम गेंद पर अपने पास स्ट्राईक रखने को लेकर उनकी कड़ी आलोचना भी हुई पर संजू को ये अटूट विश्वास था कि वे आखिरी बॉल पर छक्का मारकर राजस्थान रॉयल्स को जीत दिला सकते है लेकिन अफसोस कि ऐसा हो न सका।

संजू सैमसन के पक्ष में दिलचस्प बात ये रही कि राजस्थान रॉयल्स के निदेशक श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर कुमार संगकारा ने भी उनका पक्ष लिया। संजू सैमसन के निर्णय का बचाव करते हुए उन्होंने यहां तक कहा कि- ‘संजू सैमसन को भरोसा था कि वे टीम को जीत दिलाने में कामयाब होंगे’। संगकारा ने ये भी कहा कि- ‘संजू को ऐसा करते हुए देखकर उन्हें अच्छा लगा। मूल बात है खिलाड़ी की प्रतिबद्धता और स्वयं पर विश्वास। संजू ने मैच फिनिश करने की जिम्मेदारी ली थी मगर वह उससे कुछ दूर ही रह गया। उन्हें भरोसा है कि अगली बार वह दस गज आगे मारकर जीत दिलाएगा।

संजू सैमसन ने भी लगभग यही बात दोहराई। उन्होंने दावे के साथ कहा कि वे अपनी टीम को जीत दिलाना पसन्द करते परन्तु इससे बेहतर वह कुछ कर नहीं सकते थे। अपने इस अहसास को बयां करने के लिये उनके पास शब्द नहीं हैं। इस मैच में खिलाड़ियों से कैच छूटने पर उनका सीधा जवाब था ये खेल का हिस्सा है।

आई पी एल के अपने अगले मैच में लगभग 1100 दिन बाद राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली कैपिटल्स को तीन विकेट से जरूर हराया मगर इस मैच में संजू सैमसन का बल्ला बिल्कुल नहीं चला और वे 3 गेंद पर केवल 4 रन बनाकर आउट हो गए। हां संजू ने उनादकट की एक गुड लेंग्थ गेंद पर अपने दाहिने तरफ उछलकर धवन का एक अविस्मरणीय कैच अवश्य लिया जो ‘कैच ऑफ द मैच’ रहा। ये मैच का टर्निंग पॉइंट तो था लेकिन मैच जिताने का श्रेय मिलर – मॉरिस की जोड़ी को ही जाता है। विशेषकर 36 रन पर नाबाद रहे मॉरिस की तो तारीफ करनी पड़ेगी। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ये पहला अवसर था जब दिल्ली कैपिटल्स की पारी में रिषभ पंत, पृथ्वी शॉ, धवन, रहाणे, स्टोइनिस जैसे बल्लेबाजों के होते हुए भी उनकी पारी में एक भी छक्का नहीं लगा। दूसरी ओर राजस्थान रॉयल्स के आतिशी बल्लेबाज मॉरिस ने रबाडा की गेंद पर भी 88 मीटर दूर सबसे लम्बा छक्का लगाया। ये वही रबाडा हैं जिन्होंने संजू सैमसन और तेवतिया को आउट किया था। इस सबके बावजूद सीजन में अब तक कुल 123 रन बनाकर संजू सैमसन नीतीश राणा के बाद ऑरेंज कैप के प्रबल दावेदार हैं। क्रिकेट प्रेमियों को अभी भी उनसे लंबी पारी की आशा है।

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विनोद कुशवाहा (Vinod Kushwaha)

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