पौधा लगाने पर ही मिलेगी बिल्डिंग परमिशन

Post by: Poonam Soni

Bachpan AHPS Itarsi

विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री चौहान ने दिए निर्देश

होशंगाबाद। अब बिल्डिंग परमिशन (Building permition) इसी शर्त पर दी जाएगी कि मकान बनाने वाला व्यक्ति एक पेड़ अवश्य लगाएगा। नगर निगम हो, नगर पालिका, नगर पंचायत अर्थात जिस भी स्तर का नगरीय निकाय हो बिल्डिंग परमिशन के लिए पौधा लगाने की शर्त अनिवार्य होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि घर पर जगह न होने की स्थिति में पार्क या सार्वजनिक स्थल पर पौधा लगाना और उसकी सुरक्षा करना आवश्यक होगा। मुख्यमंत्री विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज प्रदेशव्यापी अंकुर वृक्षारोपण अभियान (Sprout Plantation Campaign) का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। सीएम ने 5 जिलों के अंकुर अभियान के जिला नोडल अधिकारियों से वी.सी. द्वारा संवाद किया। कार्यक्रम में हरदा में वृक्षारोपण गतिविधियों का फिल्म द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने अंकुर कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी।

साथ ही गाँवों में भी ग्राम पंचायतों की यह जिम्मेदारी होगी कि जो भी मकान बने, उसमें एक पेड़ अवश्य लगे। यह शर्त प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनने वाले आवासों पर भी लागू रहेगी। घरों के अलावा स्कूल, पंचायत भवन, खेत आदि में पेड़ लगाए जाएंगे। सरकारी भवनों और कार्यालयों के लिए भी यह शर्त रहेगी। मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में जितने फ्लेट बनेंगे, उतने पेड़ बिल्डर को लगाने होंगे। सभी शासकीय, गैर-शासकीय भवनों के निर्माण में पेड़ लगाने की शर्त जोड़ी जाएगी।
जन्म-दिवस और विवाह वर्षगाँठ जैसे मौकों पर करें वृक्षारोपण

वृक्षारोपण से 400 एकड़ क्षेत्र में हुआ घना वन विकसित
कार्यक्रम में हरदा जिले में रूपारेल नदी के किनारे गौरी शंकर मुकाती की पहल पर हुए वृक्षारोपण पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। मुकाती 1990 से वृक्षारोपण के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके प्रयासों से रूपारेल नदी के आसपास लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में घना वन विकसित हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान से वर्चुअली चर्चा में श्री मुकाती ने सुझाव दिया कि जैसे सड़क की सुरक्षा के लिए दोनों ओर शोल्डर बनाए जाते हैं वैसे ही नदियों के दोनों ओर पेड़ लगाना अनिवार्य करना होगा। इससे खेतों में डाले जाने वाले कीटनाशक और रसायनिक खाद का नदी में बहाव और मिट्टी का कटाव रूकेगा। नदियाँ उथली नहीं होंगी, जिससे जल्दी बाढ़ आने की समस्या से भी राहत मिलेगी और नदियाँ सदानीर होकर बहेंगी।

 

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