यीशु का हमारे हृदय में प्रवेश हमें शांति प्रदान करता है…

Post by: Poonam Soni

खजूर रविवार संदेश विशेषरेव्ह. डाॅ. सुभाष पंवार : आज दुनिया भर में मसीही लोग प्रभु यीशु का यरूशलेम में विजय प्रवेश का उत्सव मना रहे हैं,इसे खजूर रविवार नाम से भी हम जानते हैं। क्योंकि पर्व मनाने के लिए आई हुई भीड़ ने उनका स्वागत किया तथा खजूर की डालियों व यहां तक कि अपने तन से कपड़े उतार कर उनके मार्ग में बिछा दिए। यीशु एक गधे पर सवार होकर भीड़ के आगे चल रहे थे। जो इस भविष्यवाणी की पूर्ति थी कि मसीह गधे के बच्चे पर सवार होकर यरूशलेम में प्रवेश करेगा। यीशु ने अपने विषय में लिखी गई सभी भविष्यवाणियों को पूरा करते हुए, अपने उद्धार के कार्य को चरम उत्कर्ष पर पहुंचाते हुए, विशेष तैयारी से सुसज्जित होकर, एक अंतरराष्ट्रीय जनसमूह, स्थानीय ईश्वर प्रेमियों व अपने शिष्यो के साथ प्रवेश किया। उसने अपने आपको मसीह, राजा व प्रभु परमेश्वर के रूप में प्रकट किया जो सारी मानव जाति के लिए आज थे ताकि वे अपने पापों से उद्वार पाएं, परमेश्वर के साथ पापी का मेलमिलाप हो, शांति, चंगाई व नई आशा के वारिस और विरासत के उत्तराधिकारी बनें।
मानव इतिहास में यह घटना सबसे बडी व प्रमुख घटना बन गई जिस में यीशु की मृत्यु,  पुनरुत्थान और शिष्यों को दोबार दर्शन देकर सारे जगत में अपना प्रेम, उद्धार शांति व मेल मिलाप का संदेश देने के लिए भेज दिया।
आज भी हमारे लिए वही संदेश है कि प्रभु यीशु मसीह जिंदगियों को परमेश्वर के प्रेम से भरना चाहते, हमसे प्रश्न यही है कि क्या हम उसका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।

shubhash pawar

 

 

 

रेव्ह. डाॅ. सुभाष पंवार

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