नर्मदा का हर कंकर शंकर है जिसकी घर घर में पूजा होती है

इटारसी। जीवनदायिनी मां नर्मदा की तलहटी में इटारसी नर्मदापुरम के मध्य में साईं रिसोर्ट के द्वारा नवीन परिसर में पंच कुंडीय श्री रूद्र महायज्ञ के आयोजन का 18 मार्च को पंचम दिवस था। पंच कुंडी श्री रूद्र महायज्ञ में यज्ञाचार्य आचार्य संत विजय पांडे यज्ञ में यजमान गणों से आहुतियां डलवा रहे हैं।

शनिवार को मुख्य यजमान सत्यम अशोक अग्रवाल, अनिरुद्ध अशोक अग्रवाल, श्रीमती कावेरी देवी गोपीचंद अग्रवाल, अशोक गोपीचंद अग्रवाल सहित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अवधेश प्रताप सिंह सपरिवार एवं नवीन पटेल सहित कई ग्रामवासी सपरिवार पंच कुंडी यज्ञ में शामिल हुए। महा आरती के समय इटारसी के एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी एवं श्रीमती सीमा रघुवंशी भी शामिल हुए। श्री पंच कुंडीय यज्ञ परिसर से प्रवचन देते हुए यज्ञ आचार्य संत पंडित विजय पांडे ने कहा कि नर्मदा का हर कंकर शंकर है और घर घर में पूजा जाता है। मां नर्मदा जीवनदायिनी है और भगवान शिव मोक्ष दाता है। भगवान शिव का कोई भी शत्रु प्रभु श्री राम की शरणागति नहीं पा सकता। भगवान शिव की महिमा श्रीरामचरितमानस, शिव पुराण एवं अन्य कई पुराणों में उल्लेखित है।

संत श्री विजय पांडे ने कहा कि भारत की सरकार के मुखिया इस समय पूरे देश में द्वादश ज्योतिर्लिंगों के कायाकल्प में लगे हुए हैं। काशी बनारस का कॉरिडोर पूरी दुनिया में अद्भुत ढंग से बनवाया है। उज्जैन के महाकाल लोक के दर्शन करने के लिए हर सनातनी को जाना चाहिए। संत विजय पांडे ने कहा कि शिव के बिना सृष्टि की अपेक्षा नहीं की जा सकती। वे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सनातनी हिंदू के लिए श्रद्धा और विश्वास का केंद्र है। आचार्य विजय पांडे ने कहा कि इटारसी के यजमान परिवार द्वारा जो पंच कुंडी रुद्र महायज्ञ कराया जा रहा है इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यह धरती जो नर्मदा किनारे हैं और पवित्र हो जाएगी। श्री रूद्र महायज्ञ में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं।

यजमान अशोक गोपी चंद्र अग्रवाल ने बताया कि 20 मार्च सोमवार को दोपहर 1:30 बजे तक यज्ञ की पूर्णाहुति हो जाएगी। सायंकाल 4 बजे से नर्मदा अंचल के प्रमुख विद्वान भगवान शंकर के अनन्य भक्त एवं जगद्गुरु शंकराचार्य के शिष्य पं. सोमेश परसाई द्वारा अपनी कर्मकांडी ब्राह्मणों की पूरी टीम के साथ संगीतमय श्री रुद्राष्टक एवं भस्म आरती का मुख्य आयोजन किया जाएगा। आरती के पश्चात साय काल 6 से भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने समस्त श्रद्धालुओं से भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने का अनुरोध किया है।

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AUTHORRohit

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