वन मंडल नीलामी से नई जलाऊ लकड़ी हटाकर श्मशान घाट को देने की व्यवस्था करें

Post by: Rohit Nage

इटारसी। शांति धाम शमशान घाट जन भागीदारी समिति गोकुल नगर खेड़ा को वन विभाग के द्वारा जलाऊ लकड़ी उपलब्ध कराई जाती है। पिछले एक साल में दो बार तीन-तीन बारिश का पानी खाई हुई बिल्कुल पतली और सड़ी हुई जलाऊ लकड़ी चिता जलाने के लिए दी गई। एक ट्रक में बीस फड़ी जलाऊ लकड़ी आती है जिसका वजन सौ कुंटल से ऊपर होना चाहिए। परंतु जो सूखी, सड़ी और पानी खाई लकड़ी दी गई उसका बीस फड़ी में वजन 60 और 65 कुंटल निकला। जिसके कारण शांति धाम समिति को भारी नुकसान हुआ। शांतिधाम समिति ने वन मंडल अधिकारी से अनुरोध किया है कि उनको जलाऊ लकड़ी जो पिछले वर्ष और इस वर्ष की कटी हुई है और उसे नीलामी में रख दिया गया है। उसमें से लकड़ी दी जाए, वन मंडल नर्मदा पुरम ने पिछले वर्ष एवं इस वर्ष की कटी हुई जलाऊ लकड़ी नीलामी में रख दी है। जिसके कारण अच्छी लकड़ी चिता जलाने को नहीं मिलेगी और नागरिकों को इसी माह से परेशानी उठानी पड़ेगी।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, वन मंत्री एवं मुख्य वन संरक्षक से अनुरोध है इस मामले में तत्काल संज्ञान लें एवं जलाऊ लकड़ी जो नीलामी में रखी है उसको नीलामी से हटाएं एवं जलाऊ लकड़ी शमशान घाट को दें, जिससे चिता जल सके। पिछले वर्ष की 40 फड़ी में से अधिकांश लकड़ी जमा है। जिसे चिता जलाने के लिए लोग नहीं खरीदते हैं। क्योंकि वह सड़ी हुई पानी खाई एवं पतली लकड़ी है। जलाऊ लकड़ी की व्यवस्था करना वन विभाग का दायित्व है, लेकिन रुपए कमाने के लिए जलाऊ लकड़ी को नीलामी में रख दिया गया है, जबकि सबसे पहले शमशान घाट की व्यवस्था करना चाहिए। शांति धाम शमशान घाट जन भागीदारी समिति के कार्यकारी सदस्य प्रमोद पगारे ने कलेक्टर को इस मामले में वन मंडल को निर्देश देना चाहिए एवं वन मंडल अधिकारी को भी वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देना चाहिए ऐसी लकड़ी शमशान घाट को दें जिससे चिता जल सके।

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