इटारसी। पर्युषण पर्व(Paryushan parv) के दसवे दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के मौके पर श्री चैत्यालय(Shree Chetyalay) में प्रात: कमल बत्तीसी का पाठ एवं मंदिर विधि संपन्न कराई। अनंत चतुर्दशी(Anant Chaturdashi) के दिन सुनील कुमार, प्रेमचंद जैन ने चैत्यालय को दो लाख(two lakhs) की राशि चेक के माध्यम से दान स्वरूप भेंट की गई। इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष जिनेंद्र जैन(Chairman Jinendra Jain), महामंत्री पंडित ओम प्रकाश शास्त्री, कोषाध्यक्ष अजय कुमार जैन, उपाध्यक्ष शैलेंद्र बैशाखिया ने सुनील कुमार एवं अर्चना सुनील कुमार का श्रीफल प्रदान कर सम्मान किया।
इस अवसर पर प्रवचनों में बताया कि ब्रह्म का आचरण करना, अपनी ज्ञायक स्वभावी आत्मा में लीन हो जाना ही ब्रह्मचर्य धर्म है। अध्यात्म-मार्ग में ब्रह्मचर्य को सर्वश्रेष्ठ माना गया है क्योंकि सही अर्थों में यही मोक्ष का कारण है, ‘ब्रह्म’ यानी ‘आत्मा’ और ‘चर्या’ यानी ‘रमण करना’ अर्थात् समस्त विषयों में अनुराग छोड़कर अपने आत्म-स्वरूप में रमण करना या लीन रहना ही सच्चा ब्रह्मचर्य है। ब्रह्मचर्य व्रत ही तीनों लोकों में प्रशंसनीय है, जो कि विशुद्धि को प्राप्त हुये पूज्य पुरुषों के द्वारा भी पूजा जाता है।
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