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होमस्टे बना ग्रामीणों के लिए अन्नदाता , ग्राम ओर ग्रामीणों का हुआ विकास
- पर्यटकों को मिली शुकुन ओर शांति की जगह मिला स्थानीय विभिन्न प्रकार का व्यंजन
नर्मदापुरम। जिले में पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन की पहल से ग्रामों का हो रहा विकास ग्रामीण संस्कृति को देश विदेशों में भी देखा जा सकता है, क्योंकि देश विदेशों से पर्यटक ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे के माध्यम से रहने पहुंच रहे हैं। पर्यटकों को मिल रही स्थानीय जानकारी , पर्यटकों को इस भीड़ भाड़ की जिंदगी से सुकून के कुछ पल मिले इस लिए ऐसी जगह लोग ग्रामीण पर्यटन मढ़ई के ग्रामों में होमस्टे में रहकर ओर स्थानीय व्यजंन पाकर नया अनुभव पा रहे हैं।
पर्यटन स्थल पर देशी-विदेशी अतिथियों को किफायती दरों पर आवास, भोजन सुविधा मिल रही है विदेशी पर्यटकों को भारतीय संस्कृति एवं आतिथ्य से परिचित हो रहे हैं , साथ ही ग्रामीण निजी क्षेत्र को अपने आवास में उपलब्ध अतिरिक्त क्षमता से आय अर्जित कर रहे हैं। नर्मदापुरम जिले के सतपुडा की वादियों में सोहागपुर के नजदीक प्रसिद्ध ग्रामीण पर्यटन स्थल मढ़ई के पास के ग्रामो में बन रहे होमस्टे की प्रगति की वास्तविक स्थिति की जानकारी हेतु दौरा किया गया। मढ़ई के नज़दीक ग्राम ढावा ओर छेड़का में 11 होमस्टे के कार्य प्रगति पर हैं । इसी तारतम्य में मनोज भोजबंसी जी ढाबा और उरदोंग के होमस्टे मालिक को समझाया कि उन्होंने सबरबानी में होमस्टे कैसे बनाया है और उन्हें इस संपत्ति से राजस्व कैसे मिलता है।
ग्रामीणों ने होमस्टे से मिलने वाले लाभों को समझा साथ ही अपने अपने होमस्टे में कमियां ओर जरूरत की चीजों को समझते हुए कार्य जारी किया। ग्रामीणों को मिलने वाली नई नई अलग अलग संस्कृति की भी जानकारी मिल रही है। ग्राम का विकास रोजगार मिल रहा। ग्रामीणों की स्थितियों में सुधार आ रहा है । सभी ग्रामीणों ने मन लगाकर होमस्टे से संबंधित जानकारी ली । मढ़ई क्षेत्र में बन रहे होमस्टे जल्द ही संचालित होंगे, यही नहीं 11 होमस्टे में से 1 की शुरुआत हो चुकी है। उसको देखकर अन्य चार भी प्रारम्भ कर लिए जाएंगे। होमस्टे बनाने वालों में मंगतराम, रामकेश, गेंदा लाल, भागीरथ ढावा ग्राम, जयराम, अशोक, संजीव,महेंद्र , हरिओम, सुखदेव और रेवती छेड़का ग्राम। एक होमस्टे कंप्लीट हो चुका है जो जयराम का छेड़का ग्राम में है। सभी पर्यटन विभाग की इस पहल से खुश हैं । होमस्टे की वजह से देश विदेश के लोग ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच कर यहां के संस्कृति को समझ रहे हैं, साथ ही बाहर से आये पर्यटकों की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो रहा है।
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