प्रबोधिनी एकादशी से मांगलिक कार्य का शुभारंभ

Post by: Poonam Soni

इटारसी। कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी को प्रबोधिनी देवत्थनी (Prabodhini Devatthini) (देवउठनी ग्यारस) होती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन विधि-विधान से तुलसी विवाह करने वालों पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती है। तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी (Tulsi Vivah Dev Uthni Ekadashi) के दिन किया जाता है और शास्त्रों के अनुसार इस दिन से ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। यह भी मान्यता है कि तुलसी विवाह करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है और तुलसी विवाह कन्यादान के समान ही पुण्य देता है।

प्रबोधिनी एकादशी के शुभ मुहुर्त
पंडित शुभम शास्त्री के अनुसार देवउठनी एकादशी कार्तिक मास (Devuthani Ekadashi Kartik month) के शुक्ल पक्ष में आती है। इस बार यह 13नवंबर 2021 को सुबह 08.48 बजे शुरू होगी और 15 नवंबर 2021 की सुबह 08.40 बजे तक रहेगी। तुलसी विवाह 15 नवंबर 2021 को होगा सूर्य सिद्धांत के अनुसार तुलसी विवाह प्रबोधिनी एकादशी 15 नवंबर 2021को मनाई जाएगी।

यह है महत्व
इस दिन तुलसी जी का विवाह शालीग्राम से किया जाता है और महिलाएं मां लक्ष्मी के नाम का व्रत रखती हैं। क्योंकि विष्णु जी को तुलसी अतिप्रिय है और शालीग्राम, विष्णु जी का ही रूप है। तुलसी विवाह के दिन सुबह ब्रह्म मुहुर्त में उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की अराधाना करें और मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु को फल और फूल का भोग लगाएं। कहा जाता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी जरूर अर्पित करनी चाहिए। क्योंकि तुलसी दल के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते, शाम को विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें। इस दिन अन्न का सेवन नहीं किया जाता। इस दिन भगवान विष्णु के साथ ही तुलसी जी और माता लक्ष्मी का भी पूजन किया जाता है।

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