इटारसी। उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश जबलपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम के आदेशानुसार तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मेडिएशन सेंटर में पक्षकारों के बीच जागरूकता उत्पन्न करने हेतु मध्यस्था जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर में तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण इटारसी के अध्यक्ष प्रथम जिला न्यायाधीश हर्ष भदौरिया ने अधिवक्ताओं को एवं पक्षकारों को मध्यस्था अधिनियम के बारे में संपूर्ण बातें बताते हुए कहा कि महिला एवं पुरुष आपसी सामंजस्य से यदि अपनी समस्या का हल निकालने तो न्यायालय तक आने की स्थिति ही उत्पन्न नहीं होगी। यदि दोनों पक्षों में से एक पक्ष भी मौन धारण कर ले तो बात आगे नहीं बढ़ेगी और न ही तलाक होने तक जाएगी।
इस अवसर पर उपस्थित अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने धारा 125 धारा 124 हिंदू विवाह अधिनियम धारा 9 एवं हिंदू विवाह अधिनियम धारा 13 1 एवं 13 ( 2 ) के तहत होने वाले प्रकरणों में आने वाली कठिनाइयों के बारे में पक्षकारों को समझाया और बताया कि तलाक की स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए आपसी सामंजस्य परिवार में बहुत जरूरी है
मध्यस्था कराए जाने का उद्देश्य एकमात्र सब लोगों का यह रहा है कि दोनों पक्ष न्यायालय की एवं अधिवक्ताओं की समझाइश मानकर अपने परिवार को टूटने से बचा सकते हैंl इसी कारण से यह मध्यस्थता जागरूकता शिविर बार-बार आयोजित कर पक्षकारों को इस बात की सलाह दी जाती है कि वह अपने मानव जीवन के मूल्यों को समझें और विवाह बंधन को एक अमर बंधन के रूप में हमेशा निभाने का प्रयास करे।
उपस्थित अधिवक्ता संघ अध्यक्ष संतोष गुरियानी ने पक्षकारों से यही कहा कि सभी लोग आपसी सामंजस्य के माध्यम से विचार विमर्श कर के दोनों पक्षों की सहमति के पश्चात ही न्यायालयों में तलाक के या भरण-पोषण के अथवा विवाह विच्छेद के प्रकरण दायर करें।
हम अधिवक्तागण भी नहीं चाहते हैं कि किसी भी व्यक्ति का परिवार टूटे इसलिए सरकार ने तथा उच्च न्यायालय ने जो मध्यस्था कराए जाने की व्यवस्था दी है, उसके परिपालन में हम सभी आप लोगों को सहयोग करने का कार्य करेंगे और यह विश्वास दिलाते हैं कि मध्यस्था के माध्यम से हम आप सभी के विवादों का शीघ्र निराकरण करने का प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम के अंत में विधिक सेवा समिति के विधिक अधिकारी अमर बर्मन ने सभी उपस्थित का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष विनोद भावसार, संजय महतो, अधिवक्ता संजय गुप्ता, भावना चावरे, नीरा शुक्ला, माया पटेल, राजेश चौरे एवं अन्य अधिवक्ता गण एवं पालक बड़ी संख्या में मौजूद थे।