इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति महाविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत प्राचार्य डॉ राकेश मेहता के मार्गदर्शन में शैक्षणिक भ्रमण टूर का आयोजन किया।
महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र, हिंदी विभाग एवं गृह विज्ञान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भ्रमण में 44 छात्रों ने कृषि अनुसंधान केंद्र पवारखेड़ा, शासकीय उद्यान रोपणी बिछुआ विकासखंड केसला एवं उन्नत कृषि फार्म सोमलवाड़ा तथा उन्नत कृषक शरद वर्मा के फार्म हाउस का भ्रमण किया। डॉ. मेहता ने कहा कि किसानों को फसलों की उन्नत किस्मों एवं उच्च गुणवत्ता का बीज प्राप्त हो, मध्य प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है, यहां कृषि के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। विद्यार्थियों को कृषि की नई-नई तकनीकों से अवगत कराना और कृषि के क्षेत्र में प्रोत्साहित कर अपने जीवन-उपार्जन का साधन बनाना चाहिए।
बीज प्रमाणीकरण अधिकारी अंकित शर्मा ने बीज प्रमाणीकरण की विधि बताते हुए कहा कि पंजीकृत एवं प्रमाणित बीज उगाना चाहिए। बीज का निरीक्षण भंडारण तथा लेवल के लिए कभी भी किया जा सकता है। प्रमाणीकरण का अध्ययन फसलों की उन्नत किस्मों का उच्च गुणवत्ता का बीज तथा प्रबंधन प्रदान करना है। शुद्ध बीज क्या है बीज कितने प्रकार के होते हैं, बीज की अनुवांशिक शुद्धता क्या होती है आधी बातों पर बीज उत्पादन एवं वितरण जैसी मूलभूत बातों पर चर्चा की। साथ ही विद्यार्थियों को बीज प्रमाणीकरण की प्रक्रिया समझाते हुए ग्रेडिंग मशीनों द्वारा बीज प्रमाणीकरण की विधियों को समझाया और वेयर हाउस में बीज को इस तरह संरक्षित और सुरक्षित रखते हैं प्रक्रिया से अवगत कराया।
शासकीय उद्यान रोपनी बिछुआ विकासखंड केसला में आरके रघुवंशी ने विद्यार्थियों को आम की विभिन्न प्रजातियां दशहरी, मल्लिका, लंगड़ा, आम्रपाली, तोतापरी, बॉम्बेग्रीन, सफेदा आदि आम की किस्म से परिचय कराया ही ग्राफ्टिंग क्रिया विधि द्वारा ग्राफ्टिंग उद्यानिकी तकनीक से परिचय कराया जिसमें एक पौधे के ऊतक दूसरे पौधे के ऊतकों में प्रविष्ट कराया जाते हैं जिसमें दोनों के वाहिका उत्तक आपस में मिल जाते हैं साथ ही दुर्लभ प्रजाति के पौधों से अवगत कराया जिसमें गुलाब जामुन, सीताअशोक, कागजी नींबू, काजू का पेड़, अमरूद की विभिन्न किस्म इला और सफेदा, रबर प्लांट, चाइनीस, एवरग्रीन, कदम का पेड़, ताड़ का पेड़, कैक्टस, डेलोनिक्स रेजिया, नीम, आंवला, यूकेलिप्टस इत्यादि पोधों से अवगत कराया 7 उन्नत कृषि फार्म हाउस सोमालवाड़ा में आधुनिक ढंग से गुलाब की खेती कैसे होती है उसकी किस्मों के बारे में उसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।
सोमालवाड़ा के ही उन्नत कृषक शरद वर्मा ने अपने फार्म हाउस पर लगे गेहूं, जैविक खेती में गोभी, कद्दू, बैगन, टमाटर, धनिया, हल्दी की उन्नत किस्म से परिचय कराया साथ ही खेती में उपयोग करने वाले विभिन्न तकनीकी मशीनों का अवलोकन कराया। शैक्षणिक भ्रमण में प्राचार्य और बॉटनी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ राकेश मेहता के नेतृत्व में अंकिता पांडे, दीक्षा पटेल, डॉ. मीनू शर्मा, डॉ. शैलू सिंग, रीना उइके, ज्योति चौहान, हिंदी विभाग से डॉ संतोष कुमार अहिरवार, डॉ मनीष कुमार चौरे, गृह विज्ञान विभाग से मीरा यादव, राजेश हरियाले, बृजेंद्र गौर एवं शिवकुमार सहित महाविद्यालय के 44 विद्यार्थियों ने शैक्षणिक भ्रमण में सहभागिता की शैक्षणिक भ्रमण पर विद्यार्थियों ने सीखा।
- बीज प्रमाणीकरण केंद्र पर बीज प्रमाणीकरण की विधि एवं कृषि संयंत्र का अध्ययन।
- आधुनिक तरीके से गुलाब की खेती करने का तरीका।
- जैविक खेती को बढ़ावा देने गोबर के गमले एवं स्टिक बनाने की विधि।
- जैविक खेती के विविध फसलें हल्दी,गोभी,सेम, कद्दू टमाटर इत्यादि बेहतर उत्पादन।
- शासकीय उद्यानिकी रोपनी केंद्र बिछुआ में दुर्लभ पादप प्रजातियों का अध्ययन
- आम की विभिन्न किस्मों की ग्राफ्टिंग प्रक्रिया को जाना।