इटारसी। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल में डॉक्टर्स की मनमानी थम नहीं नहीं है। यहां डाक्टर्स की संख्या तो बढ़ गई लेकिन नये आने वाले डॉक्टर्स कई कामों के लिए सीधे इनकार कर रहे हैं। आज भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें करीब एक पखवाड़ा पूर्व ही पदस्थ एक डॉक्टर ने पहले एमएलसी और फिर पोस्टमार्टम करने से साफ इनकार कर दिया।
अधीक्षक ने साथ रहकर पीएम कराने को कहा तो भी डाक्टर ने साफ इनकार कर दिया। मामले में अधीक्षक डॉक्टर आरके चौधरी ने कहा कि आज सुबह यहां नव पदस्थ डॉक्टर मृदुल बडानी ने सुबह एमएलसी और दोपहर में पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया। इसके बाद एमएलसी तो एक अन्य डाक्टर प्रियंक मिश्रा ने कर दी। लेकिन, पोस्टमार्टम स्वयं अधीक्षक को जाकर करना पड़ा। अधीक्षक डॉ.आरके चौधरी का कहना है कि डॉक्टर को ज्वाइन किये बमुश्किल 12 दिन हुए हैं। उन्होंने साफ मना कर दिया है कि न तो वे एमएलसी करेंगे और ना ही पोस्टमार्टम।
केवल संख्या बढ़ाने से क्या मतलब
जब डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में नये डॉक्टर्स की पदस्थापना हुई तो लगा था कि अब मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा और यहां की व्यवस्थाओं में भी सुधार आयेगा। लेकिन यदि एमएलसी और पीएम जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने से नये डाक्टर इनकार करेंगे और पुरानों को ही काम करना पड़ेगा तो फिर अस्पताल में डॉक्टर्स की संख्या बढ़ाने से क्या फायदा? ऐसे मना करने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।
उच्चाधिकारियों से की है बात
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. आरके चौधरी ने कहा कि उन्होंने आज की घटना के विषय में सभी उच्च अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया है। यदि नये डॉक्टर काम नहीं करेंगे तो कैसे चलेगा? हमने साथ रहकर पीएम कराने को भी कहा, तो भी इनकार कर दिया। ऐसे में ये नये डॉक्टर आगे कैसे अनुभव ले पाएंगे और कैसे काम सीखेंगे। उन्होंने कहा कि इन डॉक्टर ने पहले इमरजेंसी ड्यूटी करने से भी मना किया था।
इनका कहना है….
नये डॉक्टर्स ने एमएलसी और पोस्टमार्टम करने से साफ मना कर दिया है, हमने साथ रहकर पीएम कराने को भी कहा, तो भी उन्होंने इनकार कर दिया है। हमने उच्चाधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा है।
डॉ.आरके चौधरी, अधीक्षक