इटारसी। 25 सितंबर को नगर पालिका परिषद का सम्मेलन है। इस बार दो दर्जन प्रस्तावों को एजेंडे में शामिल किया है, इनमें से कुछ ऐसे हैं, जिनके कारण इन दिनों शहर का राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। 25 सितंबर को बैठक है और 20 नंबर प्रस्ताव का खासा विरोध है।
खास बात यह है कि सत्तारूढ़ भाजपा के विरोध में विपक्षी दल कांग्रेस विरोध करे तो समझ में भी आता है। लेकिन, कांग्रेस के साथ इस बार व्यापारी इस प्रस्ताव के विरोध में हंै। वैसे तो अलग-अलग व्यवसाय के इस शहर में अलग-अलग संगठन हैं, लेकिन दो प्रमुख संगठन हैं, जो सभी अन्य व्यवसाय करने वालों का नेतृत्व करते हैं। पहले संयुक्त व्यापार महासंघ ने इस प्रस्ताव के विरोध में विधायक और नगर पालिका अध्यक्ष को ज्ञापन देकर इसे विलोपित करने की मांग की है, अब दूसरे संगठन संयुक्त व्यापार महासंगठन भी इसके विरोध में अध्यक्ष मुकेश जैन एवं धर्मदास मिहानी के नेतृत्व में सोमवार को बड़ी संख्या में एकजुट होकर विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा को ज्ञापन देंगे।
आखिर क्या है प्रस्ताव क्रमांक 20
नगर पालिका परिषद के सम्मेलन में प्रस्ताव क्रमांक 20 नगर पालिका के स्वामित्व की दुकानों का किराया बढ़ाने से संबंधित है। नपा के स्वामित्व वाली दुकानों का किराया पक्की दुकानों का 100 रुपए प्रतिदिन एवं कच्ची दुकानों का किराया 80 रुपए प्रतिदिन एवं प्रत्येक 3 वर्ष में किराये में 20 प्रतिशत वृद्धि करने जाने पर विचार है। व्यापारी संगठन इसी का विरोध कर रहे हैं। सोमवार को व्यापारी दुकानों का किराया न बढ़ाने के लिए रेस्ट हाउस में विधायक को ज्ञापन देंगे। व्यापारी प्रात: 10:30 बजे तुलसी चौक पर एकत्र होकर जुलूस लेकर रेस्ट हाउस जाएंगे। पिछले दिनों सिंधी धर्मशाला में जो बैठक हुई उसमें बड़ी संख्या में व्यापारी एकजुट हुए और नगर पालिका द्वारा की जा रही किराया वृद्धि का जमकर विरोध किया था।
28 नंबर का पिछला हिस्सा
यहां हम बात कर रहे हैं, 28 नंबर शराब दुकान की। इसके पीछे नगर पालिका इंदौर की 56 दुकानों की तर्ज पर चौपाटी का निर्माण करने की मंशा रखती है। 28 नंबर शराब दुकान के पीछे भी 28 दुकानें ही बनाने का विचार है और इनकी ड्राइंग डिजाइन एवं निर्माण लागत 4 करोड़ की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति पर विचार के लिए प्रस्ताव लाया जा रहा है। इन दो प्रस्तावों पर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर घमासान चल रहा है और राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। कांग्रेस ने अपने पार्षदों की एक बैठक लेकर स्पष्ट रूप से निर्देशित कर दिया है कि परिषद की बैठक में पूर्व की तरह चुप्पी साधकर नहीं बैठना है और इस बार तीखे तेवर और विरोध के साथ बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना है।
हाथी छींकेगा या चिंघाड़ेगा
बचपन में एक कहानी पढ़ी थी कि एक गांव में एक महावत आता है और कहता है कि अमुक दिन हमारा हाथी छींकेगा। गांव के लोगों को लगा कि इतना बड़ा हाथी जब छींकेगा तो गांव हिल जाएगा। गांव से बाहर मैदान में निर्धारित दिन सब एकत्र होते हैं, हाथी के छींकने का समय होता है और सब इंतजार करते हैं कि अब हाथी छींकेगा। बड़ी देर तक जब कोई आवाज नहीं आती है तो वे महावत से पूछते हैं कि आखिर हाथी कब छींकेगा। महावत कहता है कि हाथी ने तो कब का छींक दिया। गांव के लोगों को आश्चर्य होता है कि इतने दिनों से हाथी की छींक सुनने के लिए बेताब थे और हाथी ने छींक भी दिया और किसी को पता भी नहीं चला। लेकिन जब हाथी चिंघाड़ता है तो एक खौफ पैदा हो जाता है। देखना है कि 25 को क्या होता है?
कांग्रेस ने अपने पार्षदों को तीखे विरोध की समझाईश दे दी है। लेकिन, देखना है कि पार्षदों का परिषद की बैठक में विरोध हाथी की छींक जैसा होगा या फिर चिंघाडऩे जैसा, यह 25 सितंबर की बैठक में ही पता चल सकेगा। क्योंकि तैयारी तो भाजपा की ओर से भी है। यदि मत विभाजन की स्थिति बनी तो फिर पलड़ा भाजपा का ही भारी रहेगा। लेकिन, व्यापारी विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा से जिस तरह से प्रस्ताव का विरोध दर्ज कराके इसे विलोपित करने की मांग कर रहे हैं, विधायक का हस्तक्षेप इसे विलोपित करने पर नगर पालिका अध्यक्ष को मजबूर करता है तो फिर अन्य प्रस्तावों पर विरोध के स्वर कितने तीखे होंगे, यह भी देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल, तीर की नोंक तीखी करने का काम दोनों ओर से चल रहा है।