इटारसी। गणेश उत्सव के बाद अब नवरात्रि और दुर्गा उत्सव की तैयारी शुरू हो चुकी है। 3 अक्टूबर से नवरात्रि पर्व शुरू हो रहा है। मूर्तिकार मां दुर्गा की मूर्ति मिट्टी से बना रहे हैं। कलाकार मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमाएं बनाने में जुटे हुए हैं। नवरात्रि के उत्साह और रंग अभी से बाजार में दिखाई देने लगे हैं।
शहर के पंडालों में विराजमान होने वाली मां दुर्गा की प्रतिमाओं को मूर्तिकार अंतिम रूप देने में जुटे हैं। मां की मूरत को सुंदर आकार और उनके नौ रूपों में ढाला जा रहा है। कलाकार मूर्तियों में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। प्रतिमा पर बारीकी से किए काम को लोग पसंद करते हैं। शहर के अलावा विभिन्न स्थानों पर जाने वाली प्रतिमा पहले से ही बुक करा ली जाती हैं। नवरात्र शुरू होने में चंद दिन दिन शेष बचे हैं। 3 अक्टूबर को कलश स्थापित करके प्रथम देवी शैलपुत्री का पूजन होगा। दुर्गा पूजा समिति के सदस्य इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं।
दुर्गा प्रतिमा तैयार करने में मूर्तिकार और पूजा पंडाल को आकर्षक बनाने में समिति के सदस्य लगे हुए हैं। शहर में मूर्तिकारों के द्वारा इन दिनों दुर्गा उत्सव के लिए प्रतिमाओं के निर्माण का कार्य किया जा रहा है। मूर्तिकारों के सामने फिर छाया पीओपी का संकट नवरात्रि महोत्सव प्रारंभ होने को अभी लगभग दस दिन का समय बाकी है। वहीं शहर के साथ ही आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी दुर्गा प्रतिमाओं के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। लेकिन पिछले सालों की तरह इस बार भी स्थानीय मूर्तिकारों के सामने प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनाई जाने वाली मूर्तियों के कारण मिट्टी से बनायी जाने वाली मूर्तियों के कलाकारों के समक्ष संकट गहराने का खतरा बना हुआ है।
शासन के प्रतिबंधों के बावजूद स्थानीय प्रशासन की अनदेखी से इस बार बाजार में पीओपी की गणेश प्रतिमाएं जमकर बिकीं। यही दर्द दुर्गा प्रतिमाओं के निर्माण करने वाले कलाकारों को सता रहा है कि वे मिट्टी से शुद्ध मेहनत करके अपनी कलाकारी के दम पर मूर्तियां तैयार करते हैं, लेकिन पीओपी की मूर्तियों के कारण उनकी कला की कद्र नहीं होती और उनके रोजगार पर भी संकट के बादल मंडराते हैं। कलाकारों का मानना है कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर पीओपी की मूर्ति बनाने और बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।