इटारसी। विश्व आदिवासी दिवस पर रविवार को आदिवासी छात्र संगठन मप्र (Tribal Students Organization MP) के तत्वावधान में गौंडी मोहल्ला पुरानी इटारसी से एक रैली निकाली गयी। रैली में आदिवासी लोक कला संस्कृति को समर्पित आदिवासियों ने पारंपरिक वेशभूषा में अपनी भागीदारी निभाई।
रैली पुरानी इटारसी स्थित गोंडी मोहल्ला से प्रारंभ हुई और पुरानी इटारसी के मुख्य मार्ग से होकर ओवरब्रिज, पुलिस थाने के सामने से पहली लाइन होकर जयस्तंभ चौक पहंुची। यहां पर आदिवासी युवक-युवतियां, बच्चे और बुजुर्गों ने पारंपरिक लोक गीत गाते हुए नृत्य किया तो डीजे की धुन पर भी युवा नाचते रहे। रैली का समापन भवानी प्रसाद मिश्र ऑडिटोरियम में हुआ। यहां प्रशासन द्वारा आदिवासी दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था।
संस्कृति की रक्षा का संकल्प
इस अवसर पर लोक कलाकारों ने पारंपरिक हथियार तीर-कमान एवं वेषभूषा में पीले वस्त्र धारण कर देश की आजादी में बलिदान देने वाले आदिवासी योद्धाओं को नमन करते हुए भारतीय संस्कृति की रक्षा का संकल्प लिया। छात्र संगठन प्रदेश सचिव आकाश कुशराम ने कहा कि हम आदिवासी समाज के अधिकारों का संरक्षण करने का संकल्प ले रहे हैं। हमारा संगठन ग्रामीण आदिवासियों के हक एवं अधिकारों के लिए काम कर रहा है। जल, जंगल और जमीन के संघर्ष में शहीद हुए वीरों की याद में यह दिवस मनाया जाता है। आधुनिकता के दौर में भी हम अपनी लोक कला और संस्कृति से जुड़े रहेंगे।
विभिन्न संगठनों ने किया स्वागत
जुलूस का जयस्तंभ चौक पर नगर कांग्रेस कमेटी, बहुजन समाज पार्टी, केवट समाज और अन्य संगठनों ने स्वागत किया। संगठन जिला प्रभारी राहुल प्रधान ने कहा कि आदिवासी समाज की एकजुटता बढ़ रही है, हम अपनी जमीन से जुड़े रहेंगे। कुशराम ने कहा कि हम किसी भी धर्म के खिलाफ या समर्थन में नहीं हैं, सिर्फ आदिवासी संस्कृति और सगाजनों के हित में काम करेंगे। जुलूस में जय जोहार का आदिवासी नारा भी जमकर गूंजा। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी समुदाय की युवतियों ने अपने घरों के सामने पारंपरिक रंगों से रांगोली सजाकर अपने देवताओं की पूजा अर्चना की।
तिलकसिंदूर समिति ने वाहन रैली निकाली
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर तिलक सिंदूर सेवा समिति (Tilak Sindoor Service Committee) के तत्वावधान में भी पैदल जुलूस और वाहन रैली निकाली गयी। समिति ने केसला और सिवनी मालवा ब्लाक के गांवों को चार सेक्टरों में बांटकर गांव-गांव जाकर लोगों को आदिवासी दिवस का महत्व बताया। समिति के सदस्यों का लक्ष्य रहा कि प्रत्येक आदिवासी घरों में जाकर सगाजनों को इस दिवस की महत्ता बतायें। समिति ने पूरे क्षेत्र को चार सेक्टर में बांटा था। पहले सेक्टर में जुझारपुर से टांगना होते हुए भीलटदेव का क्षेत्र शामिल था तो दूसरे सेक्टर में भीलटदेव के आसपास के गांव, तीसरे सेक्टर में सिवनी मालवा का शिवपुर क्षेत्र और चौथा सेक्टर केसला ब्लॉक मुख्यालय के आसपास के गांव शामिल थे। आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर के सदस्य वाहन रैली के रूप में निकले और गांव-गांव जाकर सगाजनों को अपने अधिकारों के लिए प्रेरित किया।