सूर्यदर्शन कार्यक्रम में बच्चों को बताया सूर्य का साइंस

Post by: Rohit Nage

  • सूर्य की आराधना से जुड़े मकर संक्रांति पर्व पर बच्चों ने समझा साइंस
  • सूर्य का सुरक्षित सोलर व्यूअर से सूर्यदर्शन कर बच्चों ने जानी विशालता
  • सूर्य की जीवन देने वाले सूर्य को समझाने संक्रांति पर सारिका ने कराया सूर्यदर्शन

इटारसी। सूर्य की आराधना से जुड़े मकर संक्रांति पर्व पर नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बच्चों के लिये सूर्यदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया। वैज्ञानिक रूप से सुरक्षित सोलर व्यूअर की मदद से सूर्य का अवलोकन कराते हुये सारिका ने बताया कि जीवन के लिये ऊर्जा देने वाले सूर्य की आयु लगभग चाढ़े चार अरब वर्ष है।

हाईड्रोजन एवं हीलियम से बने इस तारे की पृथ्वी से दूरी लगभग 15 करोड़ किमी है। सारिका ने कार्यक्रम में जानकारी दी कि सूर्य का सबसे गर्म हिस्सा इसका कोर है जहां का तापमान लगभग 1.5 करोड़ डिग्री सेल्सियस से उपर है। सूर्य इतना बड़ा है कि अगर यह कोई खोखली गेंद होती तो उसे भरने में लगभग 13 लाख पृथ्वी की आवश्यक्ता होती। सौरमंडल के मुखिया सूर्य का प्रभाव केवल नेप्च्यून तक ही नहीं बल्कि इसके बहुत आगे तक फैला हुआ है।

वर्तमान में भारत द्वारा आदित्य एल वन द्वारा भी बिना किसी रुकावट के लगतार सूर्य पर नजर रखकर वैज्ञानिक अध्ययन किये जा रहे हैं। सूर्य की तीव्र ऊर्जा और गर्मी के बिना पृथ्वी पर जीवन नहीं होता तो मनाईये सूर्य की महिमा को सूर्यपर्व मकर संक्रांति के साथ ।

Leave a Comment

error: Content is protected !!