इस वर्ष 13 जुलाई को पांच सौ तीर्थयात्री जाएंगे मां वैष्णो के दर्शन करने

Post by: Rohit Nage

  • वैष्णोदेवी दर्शन करने जाने वाले जत्थे का है यह 49 वॉ वर्ष
  • यात्रा के दौरान ट्रेन में दरबार सजाकर होती है मां की भक्ति
  • यात्रा से पूर्व दुर्गा मंदिर दुर्गा चौक से निकलती है शोभायात्रा
  • कटरा के रावलपिंडी लॉज परिसर में भक्तों के लिए भंडारा होगा

इटारसी। इस वर्ष 13 जुलाई को लगभग पांच सौ श्रद्धालु त्रिकूट पर्वत (Trikut Parvat) पर विराजीं माता महालक्ष्मी (Mata Mahalaxmi), महाकाली (Mahakali), महासरस्वती (Mahasaraswati) (मां वैष्णो) के दर्शन करने कटरा (Katra) जाएंगे। ये सभी यात्री इटारसी रेलवे स्टेशन ( Itarsi Railway Station) से सुबह 6:50 बजे झेलम एक्सप्रेस (Jhelum Express) से रवाना होंगे। इससे पूर्व दुर्गा चौक स्थित दुर्गा मंदिर से मां की एक शोभायात्रा भी निकाली जाती है। विगत 48 वर्षों से मां वैष्णो देवी (Maa Vaishno Devi) के दर्शन के लिए भक्तों का जत्था जाता है। यह 49 वे वर्ष की धार्मिक यात्रा रहेगी। तीर्थयात्री ट्रेन की एक बोगी में दरबार सजाते और दोनों वक्त आरती करते, प्रसाद वितरण तथा भजन-कीर्तन करते यात्रा करते हैं।

पांच सौ तीर्थयात्री होंगे रवाना

यह यात्रा दुर्गा चौक समिति के बैनर तले जत्था प्रभारी सतीश बतरा (Satish Batra) के मार्गदर्शन और जतिन बतरा (Jatin Batra) के नेतृत्व में होती है। इस वर्ष यात्रा में शहर सहित आसपास के क्षेत्रों से करीब 500 भक्त शामिल हो रहे हैं। पिछले 48 वर्षों में अब तक 25 हजार से अधिक भक्त माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जा चुके हैं, इनमें इटारसी (Itarsi) एवं आसपास के अलावा नर्मदापुरम (Narmadapuram) के तीर्थयात्री भी जाते हैं। इस वर्ष भी नर्मदापुरम के तीर्थयात्री इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं।

पंद्रह सौ लोगों का भंडारा होगा

जतिन बतरा ने बताया कि पिछले साल से समिति ने एक नयी व्यवस्था प्रारंभ की है, इसके तहत कटरा में भक्तों के लिए भंडारा भी आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष भंडारा 14 जुलाई को होगा, जिसमें करीब पंद्रह सौ श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था रहेगी। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी माता वैष्णो देवी के दरबार में इटारसी से भक्त हाजिरी लगाने पहुंचेंगे। इस वर्ष यह यात्रा इटारसी से 13 जुलाई को रवाना होगी।

वर्ष 1978-79 में शुरुआत

पहले वर्ष माता दर्शन को जाने वाले सतीश बतरा, अन्नू गुप्ता (Annu Gupta), बृजमोहन सैनी (Brijmohan Saini), रमेश भार्गव (Ramesh Bhargava) और मालवीय गुरुजी (Malviya Guruji) ने यात्रा शुरू की थी। अब हर वर्ष भक्तों का जत्था जाता है। ट्रेन में श्रद्धालुओं के लिए सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का भोजन और अगले दिन सुबह के नाश्ते की व्यवस्था समिति की तरफ से की जाती है। वर्ष 1978-79 में पांच लोगों ने माता वैष्णो देवी के दर्शनों की परंपरा शुरू की थी, फिर हर साल वैष्णो देवी जाना शुरू हो गया और संख्या बढ़ती रही।

एक नजर….

जम्मू (Jammu) के कटरा में त्रिकूट पर्व पर आदिशक्ति स्वरूप महालक्ष्मी, महाकाली तथा महासरस्वती पिंडी रूप में त्रेता युग से एक गुफा में विराजमान हैं और माता वैष्णो देवी स्वयं यहां पर अपने शाश्वत निराकार रूप में विराजमान हैं। वेद पुराणों के हिसाब से ये मंदिर 108 शक्ति पीठ में भी शामिल है। यहां पर लोग 14 किमी की चढ़ाई करके भवन तक पहुंचते हैं। घोड़ा, पिट्ठु, पालकी, हेलिकॉप्टर, ट्राम रोपवे जैसी अनेक सुविधाए यहां पर उपलब्ध हैं। यहां पर पहुंचने के लिए मुख्य दो साधन हैं, रेलवे और रोड-वे जिसमें से जादातार लोग ट्रेन से आना पसंद करते हैं। यहां का रेलवे स्टेशन श्री माता वैष्णो देवी कटरा पूरे भारत (India) से जुड़ा हुआ है।

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