दो आदिवासी परिवारों में भूमि पर कब्जे को लेकर मारपीट

दो आदिवासी परिवारों में भूमि पर कब्जे को लेकर मारपीट

– पीडि़त परिवार के पक्ष में आया आदिवासी संगठन

– पथरोटा पुलिस (Pathrota Police) पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप

– पथरोटा थाना पहुंचकर दिया आदिवासियों ने ज्ञापन

– अफसरों ने दिलाया उचित कार्रवाई करने का भरोसा

इटारसी। विस्थापन के बाद मिली भूमि पर कब्जे को लेकर नया माना में हुए विवाद में पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट आदिवासियों ने आज पथरोटा थाना (Pathrota Thana) पहुंचकर न सिर्फ नारेबाजी की बल्कि पुलिस की कार्यवाही के खिलाफ अपना गुस्सा भी जाहिर किया। आदिवासियों का नेतृत्व कर रहे संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (Adivashi Yuva shakti) (जयस) के नेताओं ने पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों से बातचीत कर मामले में उचित कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाया और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की। एसडीएम (SDO) और एसडीओपी (SDOP) ने मामले में जांच के बाद कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया तो आंदोलनकारी वापस हुए।

ग्राम पंचायत जमानी अंतर्गत ग्राम नयामाना में दो आदिवासी परिवारों में भूमि पर कब्जे को लेकर विवाद हो गया। एक पक्ष ने दूसरे के साथ फसल काटने के दौरान खेत में पहुंचकर मारपीट की। झगड़े में घायल महिला का उपचार भी सरकारी अस्पताल में चला। मामले की शिकायत पथरोटा थाने में हुई। पीडि़त परिवार का कहना है कि आरोपी खुला घूम रहा है, उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई और वह धमकी दे रहा है। घायल महिला को भी दबाव बनाकर अस्पताल से डिस्र्चा करा दिया गया है। इसमें पथरोटा थानेदार प्रज्ञा शर्मा की भूमिका पर आदिवासी नेताओं ने संदेह व्यक्त किया है।

12 it 2

ये है मामला
टायगर रिजर्व (Tiger Reserve) क्षेत्र बोरी से गांवों को बाहर करने की योजना के अंतर्गत ग्राम माना को ग्राम जमानी के पास विस्थापित किया है। यहां प्रत्येक विस्थापित को, जिसने भूमि और आवास चाहे, उनको पांच एकड़ भूमि प्रदान की है। पीडि़त मानूलाल धुर्वे का कहना है कि उसे वनग्राम माना से विस्थापित करके ग्राम पंचायत जमानी में भेजा गया। यहां लॉटरी निकालकर खेती के लिए 4.5 एकड़ भूमि 78 नंबर पर दी है। उसने इस भूमि पर फसल बोयी और पेड़ भी लगाये। जब तुवर की फसल अच्छी हो गयी तो ग्राम का ही दबंग सोहन मर्सकोले, उसका भाई मोहन और पत्नी फूलवती ने 30 दिसंबर को जब वे फसल काट रहे थे तो खेत में पहुंचकर मानूलाल, उसकी पत्नी कुंताबाई और दो भतीजी के साथ मारपीट की। आदिवासियों का आरोप है कि इस दौरान नाकेदार विजय वारिवा भी दूर खड़ा था। उसी के कहने पर इन लोगों ने मारपीट की। ये परिवार इससे पूर्व भी उनको धमकाता रहा है जिसकी शिकायत पथरोटा थाने में पूर्व में की थी। यदि पुलिस ने कार्रवाई की होती तो मारपीट की यह घटना नहीं होती। घटना में उसकी पत्नी को सिर में गंभीर चोट आयी है। बावजूद इसके आरोपी खुलेआम घूम रहे और धमका रहे हैं।

डर के मारे नहीं जा रहा परिवार
मानूलाल धुर्वे का परिवार आरोपियों के भय से खेत में नहीं जा पा रहा है। जयस के जिला प्रवक्ता कैलाश खुराना और जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह परते का कहना है कि थाना प्रभारी प्रज्ञा शर्मा ने कुंताबाई पर प्राणघातक हमला करने और करवाने वालों पर कार्रवाई नहीं करके उनको संरक्षण दिया है। महिला ने जब पथरोटा थाना में जो शिकायत की, तो उसके अनुसार रिपोर्ट नहीं लिखकर अपने तरीके से आरोपियों को बचाते हुए रिपोर्ट दर्ज की। इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई है, वे खुलेआम घूमकर पीडि़त परिवार को धमका रहे हैं। ऐसे में कहीं वे दोबारा अपराध न करें, इसलिए हमने एसडीएम एमएस रघुवंशी और एसडीओपी महेन्द्र मालवीय को ज्ञापन देकर कुंताबाई को न्याय दिलाने की मांग की है। इधर बोरी अभयारण के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि नक्शे में 78 नंबर प्लाट पन्नूलाल के नाम है और सोहन के नाम 80 नंबर प्लाट आया है। लेकिन, पन्नूलाल ने 80 नंबर पर कब्जा किया हुआ है और वह इसे 78 नंबर का प्लाट बता रहा है। अब वन विभाग गांव वालों के साथ पुन: बैठकर इस गफलत को दूर करने का प्रयास करेगा।

इनका कहना है…
हमने आदिवासियों की बात सुनी और ज्ञापन लिया है। हम मौके पर जाकर देखेंगेे, और झगड़े की मूल जड़ को खत्म करके मामला शांत कराने का प्रयास करेंगे। जहां तक मारपीट का मामला है, पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपियों पर नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। वे गिरफ्तारी और जेल भेजने की मांग कर रहे थे, जेल भेजना न्यायालय का काम है, गिरफ्तारी पुलिस धाराओं में प्रावधान के अनुसार करती है।
एमएस रघुवंशी (MS Raghuvanshi, SDM)

इस मामले में तीन आरोपियों सोहनलाल और उसका भाई मोहनलाल, सोहन की पत्नी फूलवती के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। दोनों पक्षों को बाउंड ओवर करने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
महेन्द्र मालवीय (Mahendra Malaviya, SDOP)

जिन दो आदिवासियों में विवाद हुआ है, वे दोनों माना से विस्थापित हैं। सारे गांव के सामने नक्शा बना है। इसमें 78 नंबर प्लाट पन्नूलाल को और 80 नंबर सोहन को मिला है। लेकिन, पन्नूलाल ने 80 नंबर पर कब्जा कर लिया है। हमने अपने अधिकारियों को कहा है कि वे दोबारा गांव की बैठक बुलाकर स्पष्ट कर दें कि 80 और 78 नंबर प्लाट कौन से हैं।
धीरजसिंह चौहान (Sdo Bori range)

CATEGORIES
Share This
error: Content is protected !!