नर्मदा तट के पर्यटन घाट पर वनवासी लीला ने दर्शकों का मन मोहा

नर्मदा तट के पर्यटन घाट पर वनवासी लीला ने दर्शकों का मन मोहा

नर्मदापुरम। संस्कृति विभाग (Culture Department) व जिला प्रशासन के द्वारा नर्मदा तट (Narmada Coast) के पर्यटन घाट पर तीन दिवसीय वनवासी लीला (Vanvasi Leela) का शुभारंभ हो गया है। प्रथम दिवस निषाद राज (Nishad Raj) व केवट संवाद की लीला की प्रस्तुति हुई। कलाकारों के द्वारा प्रस्तुत लीला ने दर्शकों का मन मोह लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ डिप्टी कलेक्टर संपदा गुर्जर (Sampada Gurjar) और तहसीलदार अनिल पटेल (Anil Patel) ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे। पिछले दिनों वनवासी लीला की प्रस्तुति देने वाले नर्मदापुरम (Narmadapuram) निवासी बाल कलाकार एसएनजी स्कूल के छात्र अमन निरापुरे (Aman Nirapure) का निधन बस हादसे में हो गया था। उस बाल कलाकार का चित्र भी मंच पर रखा गया। चित्र पर माल्यार्पण करने के लिए अधिकारियों के साथ मृतक के माता पिता और छोटे भाई ने भी श्रद्धासुमन अर्पित कर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। वनवासी लीला का शुभारंभ गणेश वंदना से हुआ। उसके बाद राजा दशरथ के द्वारा पुत्रेष्ठी यज्ञ कराया गया। उनके यहां चार पुत्र श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। इन पुत्रों के साथ बचपन के मित्र निषाद राज भी साथ रहे। बचपन में एक बार जंगल की सैर के दौरान चारों भाई के साथ निषाद राज भी रहते हैं। उसी दौरान जंगल में शेर आने पर निषाद राज ने शेर से सामना कर चारों भाईयों की शेर से रक्षा की इस बात की जानकारी लगने पर महाराज दशरथ निषाद राज को पांचवे पुत्र कहते हैं।

लीला के अंतर्गत जब भगवान श्रीराम को वनवास होता है तो साथ में भ्राता लक्ष्मण और माता सीता भी उनके साथ वन गमन को जाते हैं। उनकी मुलाकात आगे वन में बचपन के मित्र निषाद राज से होती है। निषादराज वन में आए, श्री राम को देखकर बहुत प्रसन्न होते हैं। वे अपने नगर में ले जाने की जिद करते है। लेकिन श्री राम अपने वनवास की प्रतिज्ञा के अनुसार उसके नगर में नहीं जाते हैं। तब वन में ही निषाद राज भगवान श्रीराम माता सीता के विश्राम की व्यवस्था करते हैं, और स्वयं भ्राता लक्ष्मण के साथ सेवा में जुट जाते हैं। आगे चलकर केवट संवाद की लीला का मंचन होता है केवट के द्वारा भगवान श्रीराम के चरण धोए जाने के बाद ही नाव में बैठाने और गंगा पार कराने का बड़ा ही मनमोहक प्रसंग का मंचन किया गया।

पर्यटन घाट पर बनाए मंच पर रंगीन रोशनी, गीत संगीत, श्लोक, दोहा, चौपाई की आकर्षक धुन व नृत्य की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस वनवासी लीला मंचन में निषाद राज व केवट के प्रति भगवान का प्रेम को बहुत अच्छे से दर्शाया गया। वनवासी लीला को देखने के लिए देर रात तक दर्शक उमड़ते रहे। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मार्गदर्शन व नेतृत्व में जिला प्रशासन के द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने जिले में लगातार पर्यटन संबंधी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत के सीईओ एसएस रावत, एसडीएम आशीष पांडेय, नगर पालिका के सीएमओ नवनीत पांडे, पार्षद, शहर की विभिन्न संस्थाओं के कलाकारों के साथ ही बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे। संचालन आरती शर्मा ने किया। वनवासी लीला का मंचन दो दिन और जारी रहेगा।

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AUTHORRohit

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