श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर में मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग का पूजन एवं अभिषेक

Post by: Rohit Nage

इटारसी। सावन मास (Sawan Month) खासकर महिलाओं के लिए विषेष धार्मिक पूजन का अवसर होता है। सनातन हिंदू महिलायें सावन मास में भगवान शंकर (Lord Shankar) को प्रसन्न करने के प्रत्येक जतन करती है ताकि उनके सुहाग की रक्षा भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) करते हैं। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर (Shri Durga Navagraha Temple) लक्कडग़ंज में सावन मास के पुनीत अवसर पर पार्थिव ज्योर्तिलिंग निर्माण पूजन और अभिषेक का कार्यक्रम चल रहा है।

पार्थिव ज्योर्तिलिंग निर्माणकर्ता एवं मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे (Pt. Vinod Dubey) ने भगवान भोलेनाथ के मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग का निर्माण किया और पूजन अभिषेक कराया उनका सहयोग पं. सत्येन्द्र पांडे (Pt. Satyendra Pandey) एवं पं. पीयूष पांडे (Pt. Piyush Pandey) ने किया। मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग (Mallikarjuna Jyotirlinga) दुनिया में अद्भुत है। आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) के कुर्नुल जिले के श्रीशैल मल्लिकार्जुन का क्षेत्र एक पवित्र स्थान है। जिसकी तलहटी में कृष्णा नदी ने पाताल गंगा का रूप लिया हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में इस कदली बिल वन प्रदेश में भगवान शंकर आते थे। इसी स्थान पर उन्होंने दिव्य ज्योर्तिलिंग के रूप में स्थाई निवास किया।

यह स्थान कैलाश निवास भी कहलाता है। इस ज्योर्तिलिंग को लेकर नारद जी और कार्तिकेय की कथा शंकर और अर्जुन युद्ध, वनवासी राजकन्या, छत्रपति शिवाजी एवं सेवक राजवंश की कथाएं भी प्रचलित हैं। प्रमुख आचार्य पं. विनोद दुबे ने कहा कि भगवान मल्लिकार्जुन के दर्शन करने देश विदेश से लोग आते हैं। फल की प्राप्ति के लिए भगवान शिव का पूजन एवं अभिषेक एक परंपरा बन गई है जिस कारण सनातनी हिंदू पूजन अभिषेक कर मनवांछित फल पाते हैं।

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