अपडेट : नर्मदा चार घंटे में छुएगी खतरे का निशान

इटारसी। जिस रफ्तार से नर्मदा में तीनों बांध से पानी आ रहा है, उससे एक घंटे में बीस पाइंट पानी खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है। यदि रफ्तार यही रही तो नर्मदा को खतरे का निशान छूने के लिए चार घंटे का वक्त लग सकता है। रात 10:30 बजे नर्मदा का जलस्तर सेठानी घाट पर 966.20 था। इससे पहले 9 बजे 966 फुट था। यानी एक घंटे में 20 पाइंट बढ़ा है। नर्मदा में खतरे का निशान 967 फुट है और यही रफ्तार रही तो खतरे का निशान छूने में चार घंटे का वक्त लगेगा।
नर्मदा ने अलार्म स्तर 964 फुट को पार कर लिया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष होशंगाबाद से मिली जानकारी के अनुसार नर्मदा में तीनों बांध का पानी आ रहा है। तवा बांध के 9 गेट पांच-पांच फुट खुले हैं जिनसे जिनसे 83,317 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। इसी तरह से जबलपुर में बरगी के के सात गेट एक-एक मीटर खुले हैं जिनसे 38 हजार 316 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। रायसेन जिले के बारना बांध के दो गेट 1.20 मीटर तक खुले हैं जिनसे 6981.93 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। वर्तमान में तवा बांध का जलस्तर 1165.80 फुट, बरगी का 422.50 मीटर और बारना का 348.29 मीटर है।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
पूरा जिला प्रशासन बाढ़ की संभावना के चलते अलर्ट मोड पर है। सेठानी घाट पर अधिकारियों और कर्मचारियों की मुस्तैदी देखते ही बनती है। प्रशासन किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहता है। अधिकारी पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। पानी के बढ़ते स्तर पर नजर रखी जा रही है। सेठानी घाट पर लगातार अनाउंस किया जा रहा है। नर्मदा किनारे के लोगों को सतर्क रहने और पानी बढऩे पर सुरक्षित स्थानों पर जाने की मुनादी की जा रही है।
लोग घरों से बाहर आए
इधर भोपाल रोड किनारे संजय नगर, ग्वालटोली व आसपास की बस्ती के लोग भी बढ़ते पानी को देखते हुए घरों से बाहर घूम रहे हैं। वे भी पानी पर पल-पल की नजर रख रहे हैं। दरअसल, यह वह इलाका है, जहां नर्मदा का बैक वाटर डोंगरवाड़ा तरफ से आता और काफी नुकसान करता है। ऐसे में परिवार का कोई न कोई सदस्य बाहर रहकर पहरेदारी कर रहा है। लोग पुल के आसपास घूमकर नर्मदा के पानी पर नजर रखे हुए हैं।
बढ़ रही तमाशायियों की भीड़
एक तरफ प्रशासन व्यवस्था और राहत-बचाव के लिए चिंतित है। अधिकारी कर्मचारी मुस्तैदी से सेठानी घाट पर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। लोग बढ़ते पानी को देख अपना आशियानी और गृहस्थी का सामान सुरक्षित करने की फिक्र में तो सेठानी घाट पर लगातार तमाशायियों की संख्या भी बढ़ रही है। प्रशासन लगातार लोगों को पीछे रखने की कोशिश में लगा है।

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