आखिर किसानों को बिना माल बेचे ही लौटना पड़ा

इटारसी। कृषि उपज मंडी में अपनी उपज लेकर आए किसानों को आज बिना अनाज बैचे वापस लौटना पड़ा। सुबह मंडी प्रबंधन ने अनाज खरीद की प्रक्रिया शुरु कर दी थी और करीब एक दर्जन किसान अपनी उपज लेकर विभिन्न गांवों से आ भी चुके थे, लेकिन अचानक वहां राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के सदस्य पहुंचे और उन्होंने अपने आंदोलन की जानकारी देकर मंडी प्रबंधन से अनुरोध किया कि वे टकराव की स्थिति न आने दें। हालांकि मंडी प्रबंधन तो काम जारी रखने के पक्ष था, लेकिन संघ के अनुरोध पर व्यापारी खरीद नहीं करने को राजी हो गए और इस तरह किसान का माल नहीं खरीदा जा सका। कुछ किसान अपनी उपज बिक जाने की आस में दोपहर तक रुका रहा, लेकिन व्यापारियों के वापस चले जाने के बाद उनकी उपज नहीं बिकी।
आंदोलनकारी संघ के नेताओं का कहना है कि वे 10 जून तक हड़ताल कर रहे हैं। रविवार को वे गांव-गांव जाकर सब्जी विक्रेता किसानों और दुग्ध उत्पादक किसानों से अपना माल बाजार में नहीं लाने का अनुरोध करेंगे। इसके बावजूद सरकार ने मांगें नहीं मानी तो फिर 9 जून को स्टेट और नेशनल दोनों हाईवे पर जाम करने का कदम उठाया जाएगा। आज मंडी परिसर में संघ के प्रवक्ता हरपाल सिंह, किसान श्रवण चौधरी, जिला किसान कांग्रेस के अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य विजय चौधरी बाबू, डोलरिया के किसान नेता राकेश गौर सहित दर्जनभर किसानों ने मंडी गेट बंद करके ट्रालियों को अंदर जाने से रोका और अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की।
इनका कहना है…
प्रशासन और शासन की गलती नीतियों के कारण किसान परेशान है, उसे उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीद नहीं हो पा रही है, समय पर पैसा नहीं मिल रहा है, हम लोग इसलिए आंदोलन कर रहे हैं।
हरपाल सिंह सोलंकी, प्रवक्ता रामकिसं
किसानों को उपज के लाभकारी मूल्य नहीं मिल पा रहे हैं। देशभर में आंदोलन हो रहा है, दूध, सब्जी, फसल के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। पूरी किसान इस आंदोलन में राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के साथ है।
विजय चौधरी, जिलाध्यक्ष किसान कांग्रेस
हमारे पास यदि कोई किसान अपनी उपज लेकर बेचने आता है तो हम उसकी उपज की खरीद कराएंगे। व्यापारी खरीद करने को तैयार है, किसान बेचने को तैयार है तो हम खरीद कराएंगे।
विक्रम तोमर, मंडी अध्यक्ष

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