आदेश : 'वैन पर बेन' छोटे स्कूलों को होगी बड़ी परेशानी

Post by: Manju Thakur

इटारसी। हाईकोर्ट के आदेश पर स्कूली बच्चों के परिवहन में वैन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही ऑटो में भी पांच से ज्यादा बच्चे बिठाने पर चालक का ड्राइविंग लाइसेंस व परमिट निरस्त किया जाएगा। परिवहन आयुक्त ने यह आदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद आरटीओ को दिये हैं। आरटीओ ने बताया कि चुनाव के कारण आदेश पर अमल नहीं हो पा रहा था। लेकिन, आगामी सत्र से यह प्रभावी रूप से पालन कराया जाएगा।
परिवहन आयुक्त ने आरटीओ को आदेश देकर स्कूली वैन पर बेन लगा दिया है। अब यदि बच्चों का परिवहन करते वैन मिलीं तो ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग का अमला उन्हें जब्त कर रजिस्ट्रेशन रद्द करने के साथ ड्राइवर का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई कर सकता है। इसके साथ ही मालिक के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा। वैन में प्रतिबंध लगाए जाने से बच्चों के लिए पालकों को दूसरे वाहन का इंतजाम करना होगा, क्योंकि शहर में करीब सवा सौ वैन और आटो रिक्शा में स्कूली बच्चे आते-जाते हैं, जो अब नहीं आ जा सकेंगे।
वैन स्कूली बस की परिभाषा में नहीं आती
स्कूली बच्चों के परिवहन में शामिल मारुति वैन, मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 2 (11) के अनुसार स्कूल बस की परिभाषा में नहीं आती है। इसके लिए वैन को परिवहन विभाग द्वारा परमिट भी जारी नहीं किया जाता। कुछ स्कूलों ने संस्था के नाम पर वैन का रजिस्ट्रेशन करा रखा है। इस मामले में आरटीओ मनोज तेनगुरिाया का कहना है कि ऐसे स्कूल जिन्होंने संस्था के नाम पर वैन ली है, वे स्कूली बच्चों का परिवहन वैन में नहीं कर सकते। केवल स्टाफ को लाने ले जाने के साथ अन्य काम में कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश हैं जिस पर हमें सख्ती से पालन कराना है।
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परिवहन आयुक्त ने लगाई रोक
जून माह में नए सत्र की शुरुआत से स्कूलों वैन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जायेगा। इसके आदेश परिवहन आयुक्त ने मप्र के सभी आरटीओ ऑफिस में भिजवा दिए हैं। स्कूली बच्चों को लेकर जाने वाली वैन में ओवरलोड की शिकायत मिल रही थी जिसके कारण नए सत्र में सभी स्कूलों में चलने वाली वैन पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही ऑटो में अब बच्चे उम्र के साथ ही बिठाए जायेंगे। अभी जिले भर में दर्जनों स्कूली वैन नौनिहालों को लेकर स्कूल में आना जाना करती है। इन वैनों से कई बार बच्चे दुर्घटना में घायल भी चुके हंै। जिसको देखते हुए अब मप्र के सभी स्कूलों में चलने वाली वैन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है। आगामी जून माह से इस आदेश को सख्ती से लागू कर दिया जाएगा। आदेश में स्पष्ट लिखा है कि स्कूली बच्चों को ले जाने वैन की परिवहन विभाग लगातार मॉनिटरिंग करेगा एवं इसकी रिपोर्ट आयुक्त को भेजेंगे। परिवहन आयुक्त के इस आदेश में स्थानीय पुलिस भी सहयोग करेंगी। रोज परिवहन विभाग इसकी रिपोर्ट भेजेगा।
ये होगी स्कूलों को परेशानी
बड़े स्कूलों में तो पहले से ही बसें चल रही हैं। लेकिन छोटे स्कूलों को यह आदेश परेशान करेगा, क्योंकि उनके पास वैन का ही विकल्प बेहतर है। आदेश स्कूलों के लिए परेशानी का सबब बनेगा। इसके अलावा एक बड़ी परेशानी आटो और वैन चालकों को भी होगी। शहर में स्कूली वैन करीब सवा सौ है और वैन चालकों के पास रोजगार का यही एकमात्र जरिया है। ऐसे में यदि वैन पर प्रतिबंध लगा तो जाहिर है, ये लोग बेरोजगार होंगे। कई वैन चालकों ने बैंकों से ऋण लेकर वैन खरीदी और हर माह इसी आमदनी से उनकी लोन की किश्त जाती है और अपने परिवार का पालन-पोषण भी होता है। ऐसे में इस तरह के आदेश उनके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी करेगा।
इनका कहना है…!
अब कोई भी स्कूल वैन नहीं चलाएगा। क्योंकि वैन स्कूल बसों की श्रेणी में नहीं आती हैं। स्कूलों को अपने यहां बसें लगानी पड़ेंगी। हाई कोर्ट के आदेश का हम सख्ती से पालन कराएंगे। जो आदेश का उल्लंघन करेगा उस पर नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
मनोज तेहनगुरिया, आरटीओ

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