सारनी। बारिश की बेरूखी का असर अभी से शहर में दिखाई देने लगा है। मार्च, अप्रैल माह में पाथाखेड़ा के सोलह वार्डों में जलसंकट उत्पन्न होता था। वह जलसंकट अगस्त के दूसरे सप्ताह में शुरू हो गया है। बताया जाता है कि बुधवार शाम तक सारनी और आसपास के क्षेत्रों में 478 मिलीमीटर बारिश हो पाई है। जबकि वर्ष 2016 में 11 अगस्त तक यही बारिश 1125 मिलीमीटर दर्ज की जा चुकी थी। अब स्थिति यह निर्मित हो गई है कि नगरपालिका के टेंकर का इंतजार वार्डवासियों को करना पड़ रहा है। इसी तरह का माहौल यदि रहा तो क्षेत्र के लोगों को समय से पहले जलसंकट से जूझना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति को देखते हुए नगरपालिका प्रशासन की तरफ से कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था वर्तमान समय में नही की गई है, जबकि नगरपालिका परिषद सारनी का कार्यकाल चार अगस्त को समाप्त हो चुका है और अब प्रशासनिक स्तर पर नगरपालिका की जिम्मेदारी देखी जा रही है। नगरवासियों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि पूर्व की भांति कॉलोनियों में पेयजल की व्यवस्था टेंकरों के माध्यम से की जाते रहनी चाहिए। जिससे वार्डवासियों को होने वाली परेशानियों से निजात दिलाया जा सके।