खाते से पैसे निकालने आए दो युवकों को पकड़ा
इटारसी। भारतीय स्टेट बैंक में ठगी के पैसे निकालने आए दो संदिग्धों को पुलिस ने आज शाम बैंक प्रबंधन की शिकायत पर धर दबोचा है। इन पर ऑन लाइन ठगी में शामिल होने का संदेह है। हालांकि युवकों का कहना है कि उनके खाते में उनके ही एक मित्र ने पैसे जमा कराए हैं, जो उन्होंने इलाज के लिए उससे मांगे थे। फिलहाल पुलिस दोनों का बयान दर्ज कर रही है। पकड़े गए दोनों संदिग्ध इटारसी रेलवे स्टेशन पर वेंडरी करते हैं। एक युवक चाय बेचता है तो दूसरा पान-मसाला बेचने का काम करता है। इनमें से एक युवक कुछ दिन पूर्व पुणे-पटना एक्सप्रेस से गिरा था जिसमें उसका एक पैर का पंजा कटा था। इसी के उपचार के लिए युवक पैसे लेने की बात बता रहा है। फिलहाल पुलिस बैंक मैनेजर को बुलाकर सारा माज़रा समझकर ही आगे कदम बढ़ाएगी।
आज शाम को करीब 4 बजे भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में रोज की तरह काम चल रहा था। अचानक चार युवक बैंक में आते हैं और एक खाते से रुपए निकालने की प्रक्रिया करते हैं। कर्मचारी को संदेह होने पर बैंक मैनेजर कमलेश वर्मा को जानकारी दी जाती है। श्री वर्मा और कर्मचारी जब आए युवकों से पूछताछ करने लगते हैं तो उनमें से दो युवक वहां से भाग निकलते हैं और दो को स्टाफ वहीं रोक लेता है। इस बीच डायल 100 को खबर की और पुलिस आकर दोनों को पकड़ ले जाती है। संदेह है कि ये दोनों युवक ऑन लाइन ठगी जैसी किसी गैंग के सदस्य हो सकते हैं जिनके खाते में पैसा आता होगा।
पकड़े गए युवकों ने ये बताया
पकड़े गए एक युवक प्रिंस ने बताया कि वह रेलवे स्टेशन पर खाना बेचने का काम करता है। कुछ दिन पूर्व ट्रेन से गिरने पर उसके पैर का पंजा कटा था और इलाज के लिए पैसे की जरूरत थी तो बिहार के मुनिया पासवान से उसने पैसे मांगे थे। चूंकि उसके पास कोई खाता नहीं था, अत: मुनिया ने उसके साथ रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने वाले संतोष नामक युवक के खाते में 19 हजार रुपए जमा किए थे, वही पैसे निकालने वे दोनों आज भारतीय स्टेट बैंक आए थे। संतोष नामक युवक का कहना है कि प्रिंस मित्र है और उसके इलाज में उसने काफी पैसा खर्च किया है। बताया जाता है कि मुनिया पासवान भी पहले इटारसी के हाउसिंग बोर्ड कालोनी में रहता था और उसी दौरान इनकी उससे जान पहचान हुई थी। युवकों की बतायी कहानी पुलिस ने दर्ज कर ली, अभी इसके पीछे की कहानी सामने लाना बाकी है।
ऐसे आए हाथ
भारतीय स्टेट बैंक के सूत्रों का कहना है कि जिस खाते से ये युवक पैसे निकालने के लिए आज शाम बैंक की मुख्य शाखा पहुंचे थे, वह खाता पहले से ही संदेह के आधार पर निगरानी में था। जाहिर है, इस खाते में पहले भी इस माध्यम से पैसे आते रहे हैं और इसकी शिकायत होने के बाद इसे निगरानी पर रखा गया होगा। इन युवकों को इस बात की भनक नहीं होगी। जैसे ही इस खाते से पैसे निकालने युवक बैंक की शाखा में आए और प्रक्रिया करने लगे तो वहां मौजूद क्लर्क ने बैंक मैनेजर को जाकर इसकी सूचना दी। युवकों को इस बात की भनक भी नहीं लगी कि बैंक को संदेह हो गया है। जब बैंक प्रबंधन ने सामने का गेट लगवाया तो दो युवकों को कुछ संदेह हुआ और वे भाग निकले। दो युवक भीतर ही रह गए। बैंक प्रबंधन ने पहले डायल 100 को इसकी सूचना दी और टीआई को भी फोन लगाकर बताया।
इनका कहना है…!
अभी मामला पूरी तरह से सामने नहीं आया है। दो संदिग्ध हाथ आए हैं, पूछताछ चल रही है। हो सकता है कि कोई बड़ा ठग गिरोह इसके पीछे निकल आए। फिलहाल मामला जांच में है।
भूपेन्द्र सिंह मौर्य, टीआई
जिस खाते से ये लोग पैसा विड्रॉल करने आए थे, वह निगरानी में था। संदेह होने पर पुलिस को बुलाकर मामला दे दिया है। आगे की सारी जांच पुलिस ही करेगी।
कमलेश वर्मा, शाखा प्रबंधक एसबीआई