खुले में शौच करते नहीं मिला कोई भी

Post by: Manju Thakur

ओडीएफ री-वैरीफिकेशन टीम ने किया दौरा
इटारसी। एक वर्ष पूर्व शहर को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है। छह माह में होने वाले वैरीफिकेशन के लिए नई दिल्ली से एक सदस्यीय टीम ने नगर के स्लम एरिया, बाजार क्षेत्र स्कूल और कालेजों में जाकर निरीक्षण किया। दो से तीन दिन में इसकी रिपोर्ट भी आने की उम्मीद है। टीम के सदस्य ने पुरानी इटारसी गोंडी मोहल्ला, सरदार पटेलपुरा, ओझा बस्ती प्रियदर्शिनी नगर, सुभाषगंज, देशबंधुपुरा आदि में जाकर निरीक्षण किया।
ओडीएफ के हालात जानने दिल्ली से आए एक सदस्यीय टीम के सदस्य सुबोध सिंह के साथ नपा के हेल्थ आफिसर एसके तिवारी, हेल्थ इंस्पेक्टर आरके तिवारी, सब इंजीनियर मुकेश जैन, स्वच्छ सर्वेक्षण के कॉर्डिनेटर कमलकांत बडग़ोती जगदीश पटेल भी विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचे।

ऑनलाइन मिलते थे निर्देश
दरअसल ओडीएफ का यह निरीक्षण दिल्ली से मिल रहे ऑनलाइन निर्देशों के आधार पर चला। एक स्थान का निरीक्षण पूरा होने के बाद दिल्ली से दूसरे स्थान पर जाने के निर्देश मिल रहे थे। बिना सूचना दिए आयी टीम के सदस्य दिल्ली के निर्देश पर काम कर रहे थे। सुबह करीब 9 बजे से निरीक्षण का काम प्रारंभ हुआ और रात 9 बजे तक चला। इस दौरान पुरानी इटारसी के गोंडी मोहल्ला, ओझा बस्ती न्यास कालोनी, सुभाषगंज, लाइन एरिया के अलावा कमर्शियल क्षेत्र बाजार में भी सदस्य घूमे।

इन बिंदुओं पर किया काम
टीम गोंडी मोहल्ला में पहुंची तो घर-घर जाकर शौचालय देखे। वहां रहने वालों से पूछा कि यहां कौन-कौन खुले में शौच जाता है, शौचालय किनके यहां नहीं है। जिनके यहां शौचालय नहीं हैं तो वे कहां जाते हैं। सामुदायिक शौचालय जाने के जवाब मिलने पर टीम ने इस क्षेत्र के सामुदायिक शौचालय में जाकर वहां की सफाई व्यवस्था, पानी की स्थिति, शौच सीट देखी। महिला और पुरुष के लिए अलग कितने सीटर है, यह भी पूछा कि शौचालय स्वयं ने बनवाया या सरकारी मदद से बना है।

स्कूलों में भी जाकर देखा
ओडीएफ की टीम ने शहर के स्कूल और कालेजों में भी जाकर निरीक्षण किया। टीम ने शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक शाला पीपल मोहल्ला में जाकर वहां बने शौचालय की स्थिति देखी, यह भी देखा कि बच्चों की संख्या के अनुपात में यहां पर्याप्त व्यवस्था है कि नहीं। शौचालय में पानी की कैसी व्यवस्था है, बच्चों की संख्या ली। टीम ने शासकीय कन्या महाविद्यालय में जाकर स्टाफ और प्राचार्य से बातचीत की। पूर्व में दिए खुले में शौच नहीं जाने संबंधी शपथ पत्र भी देखे।

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