गुरुवे नम: में किया गुरुओं का सम्मान

गुरुवे नम: में किया गुरुओं का सम्मान

इटारसी। शासकीय एमजीएम कालेज में संचालित व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के तत्वावधान में गुरू पूर्णिमा के अवसर पर गुरूवे नम: कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने गुरूओं का तिलक एवं फूल-माला के साथ सम्मान किया। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. पी के पगारे के द्वारा किया।कार्यक्रम में सेवानिवृत अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग डॉ. बीडी तिवारी, कालेज के सेवानिवृत प्राचार्य डॉ. केएस उप्पल तथा सेवानिवृत व्याख्याता तथा संस्कृत के विद्वान बाबूलाल झा आमंत्रित थे।
प्राचार्य डॉ. पगारे के द्वारा इन गुरूओं का शॉल एवं श्रीफल के साथ सम्मान किया। बीए पंचम सेमेस्टर की छात्रा प्रियंका तोमर ने गुरू वंदना की एव व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ का गीत गाया। प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. पीके अग्रवाल ने उद्देश्य पर प्रकाश डाला। छात्रा जूली ने विद्यार्थियों के जीवन में गुरूओं के महत्व पर विचार रखें।
डॉ. बीडी तिवारी नेकहा कि गुरूओं के बिना जीवन निरर्थक है। डॉ. केएस उप्पल ने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में गुरू एवं शिष्य दोनों को आत्म चितंन की जरूरत है। श्री झा ने गुरू-शिष्य परंपरा को दार्शनिक अंदाज में संस्कृत के साहित्य के माध्यम से व्याख्या किए। प्राचार्य डॉ. पीके पगारे ने कहा की हर सफल व्यक्ति के पीछे एक अनुभवी गुरू का योगदान रहता है। प्राणीशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश मेहता तथा इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. ओपी शर्मा ने भी अपने विचार रखें। आभार प्रदर्शन संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. एचपी दीक्षित ने किया।
युवा पीढ़ी भटकाव की ओर
it10717 4शासकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. कुमकुम जैन, डॉ. केएस उप्पल एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकों की उपस्थिति में गुरूवे नम: कार्यक्रम के प्रारंभ में मीनाक्षी कोरी, सहायक प्राध्यापक समाजशास्त्र ने गुरूवंदना प्रस्तुत की। इस अवसर पर डॉ. जैन ने कहा कि वर्तमान युवा छात्राएं पाश्चात्य संस्कृति से ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. आरएस मेहरा ने कहाकि पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव से युवा पीढ़ी भटकाव की ओर बढ़ रही हैं, उन्हें संस्कृति, संस्कार, परम्परा एवं नैतिक मूल्यों के अंकुरण जगाना इसका मूल उद्देश्य है। डॉ. श्रीराम निवारिया ने युवा पीढ़ी को आग्रह किया कि गुरू भी सोच समझ कर बनाएं।संचालन व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ संयोजक डॉ. आरएस मेहरा ने एवं आभार श्रीमती मीनाक्षी कोरी ने किया।

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