ग्राम पंचायत की शिकायतों पर नहीं हो रही कार्रवाई

इटारसी। ग्राम पंचायत सोनासांवरी में वर्तमान सरपंच और सचिव के साथ पूर्व जनप्रतिनिधि और वर्तमान जनपद सदस्यों के बीच चल रहा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी कुछ दिन पूर्व ग्राम पंचायत सचिव की शिकायत के बाद एसडीएम वंदना जाट और नायब तहसीलदार एनपी शर्मा ने जांच की थी। जांच समिति रिपोर्ट बना पाती, इसके पूर्व ही पंचायत सचिव और सरपंच पक्ष ने एसपी और कलेक्टर को शिकायत करके कहा कि कुछ लोग सचिव को ड्यूटी पर आने से रोकते और धमकाते हैं।
ग्राम पंचायत सोनासांवरी के सचिव की जांच के बाद अभी रिपोर्ट पर कार्रवाई भी नहीं हुई कि सचिव कोमल बट्टी ने खुद को ड्यूटी पर आने से रोकने और धमकी की शिकायत पुलिस और प्रशासन को कर दी। अभी यह मामला भी ठंडा नहीं पड़ा कि अब जनपद सदस्य सहित पूर्व जनप्रतिनिधियों ने सरपंच और सचिव पर निर्माण कार्यों में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर पूर्व की शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाया है। जनपद सदस्य अनिता पटेल, बंटी पटेल, विनोद पटेल, संदीप पटेल, राहुल पटेल, अनिल मलैया, बेनी प्रसाद चौरे, उर्मिला मालवीय, नीरज चौरे, अजय पटेल सहित अनेक ग्रामीणों ने कलेक्टर को शिकायत भेजकर कहा है कि उन्होंने जनसुनवाई, सीएम हेल्प लाइन, आयुक्त, कलेक्टर, जनपद सीईओ और जिला पंचायत में कर चुके हैं, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

ये लगाए हैं आरोप
सरपंच प्रीति पटेल और सचिव पर आरोप लगाया है कि सितंबर 18 में 25,500 रुपए की राशि तारारोड़ा रोड पर इमली के पास सार्वजनिक चबूतरा निर्माण के लिए निकाली, जबकि चबूतरा जनसहयोग से बना। पंचायत ने आज तक निर्माण नहीं कराया।
नाली सफाई के नाम पर एकमुश्त 54,900 की राशि 1 सितंबर 18 को निकाली और फर्जी बिल लगाए, सफाई नहीं करायी।
41 हजार रुपए हरिदास के घर से प्रकाश मालवीय के घर तक सीसी रोड निर्माण के नाम पर मिक्सर मशीन एवं निर्माण सामग्री के नाम पर निकाली परंतु मौके पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया।
64,470 रुपए की राशि विनीत यादव के घर से कैलाश पटेल के घर तक सीसी रोड के रिन्यूवल कोट के नाम पर निकाली गई परंतु मौके पर आज तक कोई निर्माण नहीं हुआ। सरपंच प्रीति पटेल के कार्यकाल में ग्राम पंचायत सोनासांवरी से लगी कालोनी साईं फाच्र्यून सिटी में भवन निर्माण हेतु जितनी भी एनओसी दी गई है सभी की रसीद एवं रसीद में जो भी राशि पंचायत भवन निर्माण को अनुमति देने हेतु ली गई है वह राशि जिस बैंक में जमा की गई है, उस बैंक का स्टेटमेंट एवं जिस मद में राशि खर्च की गई है, उसके बिल और व्हाउचर की जांच करायी जाए। इस तरह से 9 बिन्दुओं पर जांच की मांग पत्र में की गई है।

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