इटारसी। जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है और शहर जल संकट की स्थिति की ओर जा रहा है। पिछले करीब एक सप्ताह में जल स्तर लगभग दस फुट नीचे जा चुका है और नगर पालिका के आधा सैंकड़ा नलकूप जबाव दे चुके हैं और लगभग इतने ही हांफ रहे हैं। जलस्तर नीचे खिसकने की रफ्तार यही रही तो आगामी एक पखवाड़े में शहर के कई इलाकों में पानी को लेकर हाहाकार मचने की आशंका है। फिलहाल शहर के वार्ड एक और तीन में जलसंकट उत्पन्न हो चुका है और यहां नगर पालिका छह टैंकरों से जलप्रदाय कर रही है।
इस वर्ष शहर में भीषण पेयजल संकट होने की संभावना है। दरअसल बारिश की कमी के कारण जल स्तर में काफी गिरावट होने वाली है। फिलहाल वार्ड एक एवं तीन में जल संकट की आहट सुनाई भी देने लगी है और आने वाले 15 दिन में शहर का बड़ा हिस्सा जल संकट से ग्रस्त हो सकता है। इटारसी शहर की लगभग सवा लाख की आबादी को सामान्य दिनों में प्रतिदिन 32 एमएलडी पानी की आवश्यकता है, लेकिन गर्मियों में यही जरूरत 40 एमएलडी तक पहुंच गई है। फिलहाल नगर पालिका जरुरत के अनुसार पानी की सप्लाई कर रही है, लेकिन उसके तमाम संसाधन आने वाले कुछ दिनों में शहर को पर्याप्त पानी की सप्लाई नहीं कर पाएंगे।
शहर की बड़ी आबादी को जल आपूर्ति करने वाले क्षेत्र धौंखेड़ा में भी जलस्तर नीचे जा रहा है। करीब चौबीस करोड़ रुपए की लागत वाली जल आवर्धन योजना भी फ्लाप शो साबित हो रही है, क्योंकि गर्मी में तवा में भी पानी कम होता जा रहा है। नगर पालिका नदी में नहर बनाकर इंटेकवेल तक पानी लाने का प्रयास कर रही है। इस मामले में जल विभाग के प्रभारी और सब इंजीनियर आदित्य पांडेय का कहना है कि लगातार नीचे जा रहे जलस्तर से संकट बढ़ सकता है। हालांकि वे मेहराघाट जल आवर्धन योजना से उम्मीद लगाकर बैठे हैं। उनका कहना है कि हमारा प्रयास है कि नागरिकों को गर्मी में पर्याप्त पानी मिले इसके लिए हम हर स्तर पर काम कर रहे हैं। टैंकरों और अन्य माध्यम से पानी सप्लाई करेंगे।
पेयजल के मामले में हालत खराब होती जा रही है। नगर पालिका के जल विभाग की मानेंं तो आगामी 10 से 15 दिन के भीतर जल स्तर में तेजी से गिरावट आने की संभावना है। फिलहाल नगर पालिका धोखेड़ा पंप से 11 एमएलडी, शहरी पंप से 15 से 17 एमएलडी पानी के अलावा कुछ टैंकर से पूर्ति करती है, लेकिन पानी की मांग बढऩे पर यह भी संभव नहीं हो सकेगा। दरअसल, शहर के करीब आधा सैंकड़ा नलकूप जलस्तर में कमी से बंद हो चुके हैं और इतने ही बंद होने की कगार पर हैं।
ये हैं जल संकट वाले क्षेत्र
जिस तरह से हर दिन तापमान बढ़ रहा है और जलस्तर नीचे जा रहा है उसे देखते हुए इतना तो तय है कि शहर के बड़े हिस्से में गर्मियों में पानी का संकट बनेगा। क्योंकि गर्मियों का इतिहास रहा है कि शहर का वार्ड नंबर एक, वार्ड नंबर 3 एवं 4, वार्ड नंबर 9 बंगाली कॉलोनी खेड़ा, वार्ड नंबर 12 का कुछ क्षेत्र, बैंक कालोनी का हिस्सा, सोनासांवरी नाका क्षेत्र पानी की कमी से जूझता रहा है। नगर पालिका धौंखेड़ा स्थित पंप और तवा के मेहराघाट के अलावा वार्डों के नलकूप और गर्मियों में टैंकर से जल आपूर्ति करती है। लेकिन इस बार बारिश कम होने से तवा में भी पानी कम है और धौंखेड़ा में भी जल स्तर नीचे जा रहा है। वार्डों के नलकूप दम तोडऩे लगे हैं, ऐसे में जल संकट की आशंका को बल मिल रहा है। नगर पालिका इस स्थिति से कैसे निबटेगी, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
कुल नलकूपों की संख्या
वार्डों में 210 बंद नलकूपों की संख्या – अभी करीब आधा सैंकड़ा
गर्मियों के लिए टैंकर – 8 टैंकरों से सप्लाई होगी
वर्तमान में संकट वाले क्षेत्र
वार्ड क्रमांक एक टै्रक्टर स्कीम वाला क्षेत्र, वार्ड 3 एवं 4 काबड़ मोहल्ला। भाट मोहल्ला
जल स्तर की स्थिति
एक पखवाड़े में 20-25 फुट जलस्तर गिरने की आशंका है।
सामान्य दिनों में पानी की मांग – 32 एमएलडी
गर्मियों में पानी की मांग – 40 एमएलडी
कहां से कितना पानी मिलता
धौंखेड़ा पंप से – 11 एमएलडी
अन्य पंपों से – 15-17 एमएलडी
कुछ सप्लाई टैंकरों से होती है
इनका कहना है…!
हम गर्मी में पेयजल संकट वाले स्थानों पर अभी छह टैंकरों से पेयजल सप्लाई कर रहे हैं। नगर पालिका के टंैंकरों के अलावा कुछ टैंकर किराए पर भी लिए हैं। जलस्तर लगातार नीचे जाने से स्थिति बिगड़ रही है, धौंखेड़ा से सप्लाई हो रही है, मेहराघाट से भी टंकियां भरी जा रही हैं।
आदित्य पांडेय, प्रभारी जल विभाग