नर्मदापुरम। शिवार्चन समिति (Shivarchan Samiti) के तत्वावधान आयोजित संपूर्ण मास रूद्राभिषेक (Rudrabhishek) के अंतर्गत आचार्य सोमेश परसाई (Acharya Somesh Parsai) ने आज शिवभक्तों को संबोधित करते हुए कहा आज तुलसी की जगह शो प्लांट और मनीप्लांट ने ले ली है, गौ माता की जगह कुत्तों, कबूतर का पालन हो रहा है।
जानवरों का पालन अच्छा है, किंतु पश्चिम की इस हवा में हम अपनी संस्कृति और संस्कार को भूलते जा रहे हैं। आचार्य श्री ने कहा कि जैसे-जैसे संस्कार और संस्कृति का क्षरण होगा वैसे-वैसे वृद्धाश्रम की संख्या बढ़ते जाएगी। आज आवश्यकता है, बच्चों को संस्कारवान बनाने की। भजन का सही समय वृद्धावस्था नहीं अपितु बाल्यकाल और युवावस्था है।
इसके पूर्व भूतभावन भगवान महादेव का वैदिक मंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक किया गया। भगवान को नाना प्रकार की औषधियों से स्नान कराया गया। तत्पश्चात सुंदर स्तुतियों द्वारा भगवान का सुंदर सुगंधित पुष्पों से श्रृंगार किया गया।