इटारसी। उच्च न्यायालय जबलपुर की एकल खंडपीठ ने आज इटारसी के नायब तहसीलदार नंदकुमार शर्मा को राहत देते उनके निलंबन पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है। उक्ताशय की जानकारी अधिवक्ता ऐश्वर्य (पार्थ) साहू ने दी।
श्री साहू ने बताया कि पीपलढाना की जमीन के शासकीय और गैरशासकीय होने को लेकर उत्पन्न विरोधाभाषी परिस्थिति के चलते कमिश्नर नर्मदापुरम संभाग द्वारा अपने आदेश की अवमानना मानते हुए 25 जुलाई को निलंबन आदेश जारी किया है। आज उच्च न्यायालय जबलपुर के न्यायाधीश सुबोध अभ्यंकर द्वारा प्रस्तुत याचिका क्र. 1145/17 पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए तहसीलदार एनकेशर्मा के विरूद्ध जारी निलंबन आदेश 25 जुलाई 2017 पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है।
शासकीय अधिवक्ता प्रणय पांडेय की इस दलील को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता को निलंबन के विरूद्ध अपील प्रस्तुत करना चाहिये थी। न्यायालय ने अपने आदेश में यह कहा कि अपील का उपचार उपलब्ध होने के बावजूद याचिका में उठाये गये मुद्दो एवं निलंबन आदेश के अवलोकन उपरांत प्राथमिक रूप से याचिकाकर्ता का प्रकरण हस्तक्षेप के योग्य है और कमिश्नर नर्मदापुरम का आदेश को स्थगित किया जाता है।
बहस के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने इस बात को विशेष रूप से उठाया किया कि याचिकाकर्ता का कार्य ज्यूडिशियल प्रक्रिया का हिस्सा है न कि उच्च अधिकारी के आदेश की अवमानना का। याचिका में मप्र शासन और कमिश्नर नर्मदापुरम संभाग को पक्षकार बनाया है । याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केसी घिल्डियाल एवं ऐश्वर्य (पार्थ) साहू ने पैरवी की है।