इटारसी। शुक्रवार से बैंकों की दो दिवसी हड़ताल प्रारंभ हो गयी है। इस हड़ताल के अंतर्गत शहर के सभी सरकारी बैंकों में कामकाज नहीं हुआ और ग्राहकों को मायूसी हाथ लगी। जिनको रुपए निकालने थे, उन्होंने एटीएम का सहारा लिया। इस कारण एटीएम में लोगों की भीड़ लगी रही। ज्यादातर लोगों ने ऑन लाइन बैंकिंग का सहारा भी लिया। बैंक कर्मी यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के बैनर तले दो दिवसीय हड़ताल पर हैं, जबकि तीसरे दिन रविवार होने से बैंक बंद रहेंगे। इस तरह से बैंकों में तीन दिन कामकाज नहीं होगा।
आज शुक्रवार से बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल प्रारंभ होने से सभी सरकारी बैंकों में ताले डले रहे। एसबीआई स्टाफ यूनियन भोपाल के स्थानीय सचिव प्रवीण गंगोले ने बताया कि बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों का वेतन पुनरीक्षण नवंबर 2017 से देय है। भारतीय बैंक संघ के अनुचित विलय पर यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस ने 31 जनवरी और 1 फरवरी को हड़ताल का आह्वान किया है। सरकार ने हमारी मांगों को नहीं माना तो आगामी 11, 12 एवं 13 मार्च को तीन दिनी हड़ताल होगी और यदि फिर भी बात नहीं बनी तो 1अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैंक कर्मचारी और अधिकारी चले जाएंगे। बैंकर धनश्री राजपूत, मुक्ति नागर, खुशबू राठौर, रश्मि चौहान, महेश शर्मा, बद्री प्रसाद, अंजलि पटेल ने हड़ताल के दौरान अपनी मांगों के समर्थन में पोस्टर प्रदर्शित किया।
ये हैं यूनियन की मांगें
वेतन पुनरीक्षण समझौता वेतन पर्ची के आधार पर 20 फीसदी वृद्धि एवं पर्याप्त अतिरिक्त प्रभार के लागू किया जाए, पांच दिवसीय बैंकिंग प्रणाली प्रारंभ की जाए, विशेष भत्ते का मूल वेतन में विलय किया जाए, न्यू पेंशन स्कीम को हटाया जाए, पेंशन का उद्यतनीकरण, परिवार पेंशन में सुधार, स्टाफ कल्याण कोष का आवंटन परिचालन लाभ के आधार पर किया जाए, बगैर सीमा के सेवानिवृत्त उपरांत देय लाभों को आयकर में छूट प्रदान की जाए, शाखाओं में समान रूप से व्यवसाय कार्य का समय, भोजनावकाश का समय आदि निर्धारित किया जाए, अवकाश बैंक की धारणा को स्थापित किया जाए, अधिकारियों के लिए कार्य के समय को निर्धारित किया जाए, संविदा कर्मचारियों/व्यावसायिक अभिकर्ताओं हेतु समान कार्य के लिए समान वेतन का निर्धारण किया जाए।