पंद्रह हजार जमा करने के मिले फरमान, हितग्राही परेशान

Post by: Manju Thakur

इटारसी। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एएचपी घटक के अंतर्गत बनने वाले ईडब्ल्यूएस मकान के इच्छुक हितग्राहियो को राजस्व विभाग से आए फरमान ने परेशान कर दिया है। दरअसल, दो दिन पूर्व तक ईडब्ल्यूएस आवास के हितग्राहियों के पास फोन काल पहुंचे के उनको दो-तीन दिन में पंद्रह हजार रुपए और जमा करने हैं। गरीब हितग्राहियों के पास दो दिन के भीतर पंद्रह हजार जुटाने की समस्या थी और हाथ से मकान जाने का डर भी। हालांकि मामले में सीएमओ हरिओम वर्मा ने स्पष्ट किया है कि हितग्राही एक माह के भीतर राशि जमा कर सकते हैं, जबकि उच्च स्तर से आदेश में 10 अप्रैल से 16 अप्रैल के भीतर राशि जमा कराने को कहा है और राजस्व विभाग ने हितग्राहियों को यह फरमान दो दिन पूर्व ही सुनाया। अब 16 अप्रैल में महज एक दिन शेष होने से हितग्राहियों में चिंता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत शहर में 648 कुल मकान पहले चरण में बनाए जाने थे। लेकिन, राजस्व विभाग ने एक हजार से अधिक हितग्राहियों के पंजीयन करके सबसे पांच-पांच हजार रुपए जमा करा लिए। नगर पालिका ने जितने हितग्राहियों के पंजीयन कराए हैं, उनकी संख्या तो वास्तविकता से कहीं मेल नहीं खा रही है। दरअसल 648 मकानों की जगह भी नगर पालिका के पास नहीं है और अब तक कुल 196 मकानों का निर्माण चल रहा है जिसमें से सौ मकान न्यास कालोनी के झुग्गी क्षेत्र में और 96 आजाद नगर में सब्जी मंडी के पास बन रहे हैं। इसी जगह पर 54 एलआईजी मकान और 16 दुकानें भी बनायी जा रही हैं। ऐसे में नगर पालिका के राजस्व विभाग ने जो एक हजार से अधिक हितग्राहियों के पंजीयन कर लिए हैं, उनको कैसे आवास मिलेगा, यह बड़ा सवाल है। आवास योजना प्रभारी मुकेश जैन बताते हैं कि फिलहाल कुल 196 मकान बनाए जा रहे हैं और उनके सामने जो आदेश हुए हैं, उनमें हितग्राहियों को 10 से 16 अप्रैल के बीच पंद्रह हजार रुपए जमा करना है, दो दिन में पैसा जमा करने जैसी बात उनकी जानकारी में नहीं है।
इटारसी शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना में कोई एक नियम से काम नहीं हो रहा है। पहले हितग्राहियों से पंजीयन कराते वक्त जो नियम बताए गए थे, उनमें से कई नियम बदल दिए गए हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो एलआईजी श्रेणी के जो 54 मकान बन रहे हैं, उनमें भी पंजीयन कराने वाले हितग्राहियों की संख्या काफी अधिक है, और जो ईडब्ल्यूएस मकान बन रहे हैं, उनमें नगर पालिका का अतिरिक्त पैसा लग रहा है। इन हालात में नपा ने इन मकानों को नीलामी कराके उच्चतम बोली वालों को मकान आवंटित करने का फैसला किया है जबकि पूर्व में ऐसा कोई नियम हितग्राहियों को नहीं बताया गया था। बोली में जो उच्चतम बोली और सोलह दुकानों की राशि मिलेगी उसे ईडब्ल्यूएस में अतिरिक्त राशि खर्च करके बनाया जाएगा। कुल जमा स्थिति यह है कि एलआईजी श्रेणी के हितग्राहियों से मिलने वाली अतिरिक्त राशि से ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकानों को पूरा किया जाएगा। बहरहाल, नगर पालिका की इस तरह की योजना को पलीता लगाने की नीति से कई लोग आवास से वंचित रहने वाले हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक सबको आवास का सपना पूर्ण होगा, इसमें संदेह है।

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