इटारसी। सरकार किसी भी दल की आ जाए लेकिन व्यवस्थाओं में बदलाव की बहुत अधिक उम्मीद करना बेमानी ही है। मनमानी और लापरवाही का एक उदाहरण, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल भी है, जहां ब्लड बैंक की व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। मंगलवार को एक रेल कर्मी के साथियों को यहां पहले तो भटकाया फिर ब्लड निकालने से इनकार कर दिया।
वाकया, दोपहर 2 बजे का है, जब दुबे अस्पताल में भर्ती एक मरीज को खून की जरूरत होने पर उन्होंने ब्लड बैंक से संपर्क करके एक युवक को ब्लड के लिए तैयार करके ले गये।
रेलकर्मी भगवती वर्मा ने बताया कि गणेश मीना दुबे अस्पताल में भर्ती हैं। उनको ब्लड की आवश्यकता है। दोपहर में वे अपने अन्य साथियों के साथ अरविंद चौहान को ले गये थे। वहां मौजूद कर्मचारी ने उसके शरीर पर टैटू बना होने से ब्लड लेने से इनकार करके कहा कि किसी और को लेकर आईये। जब ये कर्मचारी अपने गार्ड साथी राकेश भैरूआ से संपर्क के बाद 4 बजे उसे लेकर ब्लड बैंक पहुंचे तो उनको किट नहीं होने का कहकर ब्लड निकालने से इनकार कर दिया।
इधर इस मामले में जब अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एके शिवानी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ब्लड बैंक में हाल ही में किट उपलब्ध करायी है। वे पता करते हैं कि आखिर क्यों मना किया गया है।