प्रशासन कर रहा प्रधानमंत्री आवास में भेदभाव : जाधव

Post by: Manju Thakur

इटारसी। नगर पालिका परिषद में सभापति राकेश जाधव ने कहा है कि सत्ता परिवर्तन के साथ ही प्रशासन भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना में पलीता लगाने में लगा है, जबकि इस योजना में 1005 हितग्राहियों की डीपीआर स्वीकृत हुई थी और उसकी पहली किश्त करीब दस करोड़ रुपए इटारसी नगर पालिका के खाते में आ भी चुकी है। लेकिन, स्थानीय प्रशासन ने नियमों को ताक पर रखते हुए 621 हितग्राहियों का अहित करने की मंशा से उन्हें अपात्र घोषित कर दिया है। हालांकि शासन के नियम अनुसार योजना की गाइडलाइन में सभी हितग्राही पात्र हैं।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका में सभापति श्री जाधव ने पिछले दिनों हुई नगर पालिका परिषद की बैठक में भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाते हुए प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। श्री जाधव ने प्रशासनिक अधिकारियों से निवेदन किया है कि इस विषय पर उचित कार्यवाही कर गरीब परिवारों के मकान का सपना पूरा करने की कृपा करें।

प्रशासन ने की ये कार्यवाही
एसडीएम इटारसी ने कलेक्टर द्वारा कराई 1005 हितग्राहियों की जांच में 621 परिवारों को योजना के तहत मिलने वाले ढाई लाख रुपए अनुदान के लिए अपात्र घोषित कर दिया है। इसके पीछे इन हितग्राहियों के पास भूमि संबंधी दस्तावेज उपलब्ध नहीं होना कारण बताया है। बड़ी संख्या में गरीबों को अपात्र होन से भाजपा पार्षद राकेश जाधव ने नगरपालिका परिषद के सम्मेलन में ये मुद्दा उठाते हुउ मप्र शासन का नियम बताया जिसमें कहा है कि किसी हितग्राही के पास जमीन संबंधी दस्तावेज उपलब्ध नहीं और वह उस भूमि पर 5 साल से अधिक समय से रह रहा है तो वह पात्र माना जाएगा। सीएमओ हरिओम वर्मा ने पत्र पढऩे के बाद कहा कि वे इसे एसडीएम को देकर कहेंगे कि इसके आधार पर दोबारा सर्वे करायें, जिससे अधिक से अधिक लोगों को योजना का लाभ मिल सके।

ये है बीएलसी घटक का नियम
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग अपर आयुक्त डॉ मंजू शर्मा ने 22 दिसंबर 2017 को आयुक्त नगरीय प्रशासन के आदेश से नगरपालिका निगम आयुक्त एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के बीएलसी घटक के अंतगर्त हितग्राही के पास भूमि स्वामित्व संबंधित दस्तावेज नहीं हैं। ऐसे में हितग्राही ऐसे हैं जिनके पास भूमि स्वामित्व के संबंध में विक्रय पत्र, दानपत्र का नोटरी दस्तावेज उपलब्ध है एवं वे स्थल पर विगत 5 या इससे अधिक वर्षों से निवासरत हैं लेकिन रजिस्ट्री दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। उक्त हितग्राहियों द्वारा रजिस्ट्री कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से रजिस्ट्री प्राप्त होने में विलंब हो रहा हे। उपरोक्त स्थिति में ऐसे हितग्राही जिनके पास विक्रय पत्र, दानपत्र का नोटरी दस्तावेज उपलब्ध है तथा विगत 5 वर्षों से उस स्थल पर निवासरत है, व भूमि स्वामित्व संबंधी कोई विवाद नहीं है। वे हितग्राही प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र माने जाएंगे। हितग्राहियों को यथाशीघ्र रजिस्ट्री की कार्यवाही पूर्ण कर उसकी प्रति निकाय को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

कलेक्टर से हुई थी शिकायत
दरअसल, कलेक्टर कार्यालय को एक शिकायत हुई थी। इसके बाद कलेक्टर ने इटारसी नपा में 1005 पात्र हितग्राहियों की जांच कलेक्टर द्वारा एसडीएम इटारसी से कराई गई। आईआर, पटवारी ने मिलकर घर-घर जाकर जांच की और भौतिक व दस्तावेज व अन्य चीजें एसडीएम इटारसी के सामने रखीं। जानकारी के मुताबिक जांच में ज्यादातर लोगों के पास अपनी पैतिृक जमीन की रजिस्ट्री तो मिली लेकिन नामातंरण नहीं पाया या पैतिृक जमीन का भाई-बहनों के बीच दस्तावेज में बंटवारा नहीं था। इस कारण से उन्हें अपात्र कर दिया। उदाहरण के तौर पर किसी के पिता के नाम पर 50 गुणा 50 वर्गफुट जमीन की रजिस्ट्री है, लेकिन नामांतरण नहीं हुआ है, अभी चार पुत्र इस जमीन पर आपसी सहमति से जमीन का बंटवारा कर परिवार के साथ रह रहे हैं, ऐसे गरीब हितग्राहियों को अपात्र कर दिया है, जबकि इनका मकान कच्चा व जर्जर है।

ये हैं सभापति के सवाल
सभापति राकेश जाधव ने प्रधानमंत्री आवास योजना के एक अन्य घटक जिसमें भूमि व आवासहीन लोगों को शासन द्वारा पक्के मकान बनाकर दिए जाने हैं, उनके संबंध में भी सवाल सीएमओ से पूछा। उन्होंने पूछा कि जब करीब 1000 लोगों ने 5-5 हजार रुपए पक्के मकान पाने के लिए जमा किए हैं तो फिर लोक सभा चुनाव आचार संहिता लगे होने के समय सिर्फ चुनिंदा 200 लोगों से 15-15 हजार रुपए अतिरिक्त क्यों जमा कराए। क्यों पहले आओ पहले पाओ योजना में सिर्फ उन्हीं लोगोंं को बुलाया जिनसे अधिकारियों के हित जुड़े थे, बाकी 800 लोगों को क्यों सूचना नहीं दी कि आकर 15 हजार रपए जमा कर देें, जिसको जमा करना होता वह कर देता। उनका आरोप है कि जानबूझकर ऐसा किया, ताकि 200 लोगों को उपकृत किया जा सके। उल्लेखनीय है कि 648 मकान ईडब्ल्यूएस के स्वीकृत थे, जिसमें से जमीन के अभाव में 196 ही प्रियदर्शनी नगर में बन रहे हैं, 1 हजार लोगों ने योजना का लाभ लेने 5 हजार रुपए प्रत्येक ने जमा किए थे।

इनका कहना है…!

शहर के 1005 गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए ढाई ढाई लाख रुपए का अनुदान मिलना था, इसके पैसे भी केंद्र सरकार से नगर पालिका के खाते में आ गए हैं लेकिन कांग्रेस के लोगों की शिकायत पर एसडीएम ने जांच कर 621 गरीब लोगो ं को अपात्र कर दिया। जबकि शासन के नियम साफ हैं कि जो लोग पांच वर्ष से अधिक किसी भूमि पर रह रहे हैं और उनके पास दस्तावेज नहीं हैं तो उन्हें भी योजना का लाभ मिलना चाहिए।
राकेश जाधव, सभापति

सभापति ने शासन का एक पत्र हमें दिया है उसमें लिखा है कि दस्तावेज न भी हों तो योजना का लाभ गरीब हितग्राही को मिल सकता है। हम एसडीएम साहब को आदेश की कापी उपलब्ध कराकर मांग करेंगे कि वे इस पर विचार कर नए सिरे से सर्वे कराएं, ताकि अधिक से अधिक गरीब परिवारों को योजना का लाभ मिल सके।
हरिओम वर्मा, सीएमओ, इटारसी

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