गिव अप स्कीम में दे रही सरकार मौका
इटारसी। जैसे रसोई गैस में सब्सिडी छोडऩे के लिए सरकार ने सक्षम लोगों से आग्रह किया था, वैसे ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गिव अप स्कीम लायी गई है।
स्कीम के अंतर्गत मप्र शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने गरीबी रेखा के अपात्र कार्डधारियों को एक अवसर दिया है कि वे अपने कार्ड 31 मई तक सरकार के पास जमा करा दें। जो लोग निर्धारित अवधि में ये कार्ड जमा नहीं करेंगे तो फिर सक्षम अधिकारी की देखरेख में जांच होगी और ऐसे में कार्डधारी मिले तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें सक्षम अधिकारी द्वारा सुनवाई के उपरांत दंड, जुर्माना भी किया जा सकता है।
विधि अनुसार होगी कार्रवाई
शहरी क्षेत्र में मुख्य नगर पालिका को यह दायित्व दिया है कि वे शहर के अपात्र बीपीएल कार्डधारियों से 31 मई तक कार्ड सिरेंडर कराएं। यदि कोई कार्डधारी अपात्र है और वह कार्ड सिरेंडर नहीं करता है तो उसके घर जाकर जांच होगी तथा अपात्र पाए जाने पर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी। योजनांतर्गत कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा गिव अप स्कीम के तहत लाभ त्यागने हेतु प्राप्त आवेदन का परीक्षण किया जाकर संबंधित आवेदक के दिए मोबाइल नंबर पर संपर्क कर आवेदन की पुष्टि की जाएगी तथा परिवार को विलोपित करने की कार्यवाही की जाएगी। निराकृत आवेदन की जानकारी के बाद स्वीकृत आवेदन की सूचना संबंधित उचित मूल्य दुकानदार को दी जाएगी। जितने हितग्राही योजा का लाभ त्यागा जाएगा उतनी संख्या में अन्य जरूरतमंद हितग्राहियों को योजना के लाभ में शामिल किया जाएगा।
लाभ त्यागने वालों का सम्मान होगा
गिव अप स्कीम के अंतर्गत हितग्राही को स्वैच्छा से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ त्यागने वाले हितग्राहियों को सक्षम अधिकारी द्वारा जिला, ब्लाक स्तर पर सम्मान स्वरूप प्रमाण पत्र दिया जाएगा, अभियान के उतरांत जून माह में पात्र परिवारों की रेंडम आधार पर जांच करायी जाएगी, जांच में अपात्र परिवार द्वारा लाभ लिए जाने पर उनके विरुद्ध सक्षम अधिकारी (अनुविभागीय राजस्व) द्वारा सुनवाई उपरांत दंड एवं अर्थदंड लगाया जाएगा। सीएमओ सुरेश दुबे ने ऐसे अपात्र लोगों से आग्रह किया है जिन्होंने बीपीएल के कार्ड बनवाकर लाभ प्राप्त कर रहे हैं, 31 मई के पूर्व अपने कार्ड सिरेंडर कर दें, इसके बाद होने वाली अप्रिय स्थिति से बचने और अपना सम्मान बरकरार रखने के लिए आगे आएं, अन्यथा बाद की कार्रवाई के वे स्वयं जिम्मेदार रहेंगे।