केसला। मंगल भवन केसला में बाल दिवस पर बाल रंग मेला आयोजित किया। 3 से 6 वर्ष के बच्चे उनके अभिभावकों के साथ उपस्थित हुए। बच्चों का टीका, आरती करके स्वागत किया। बच्चों के शारीरिक विकास के उद्देश्य से कुर्सी दौड़ हुई जिसमें नैतिक, सुहानी व ऋतिका प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहीं। चम्मच दौड़ में प्रथम प्रियंका, द्वितीय लतिका, मास्टर हेल्दी प्रतियोगिता में माधव, तमन्ना व दिव्यांश को क्रमश: प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया।
मास्टर क्लीन प्रतियोगिता में बच्चों से अपना नाम, माता-पिता का नाम, ग्राम का नाम पूछा। सबसे हंसमुख बच्चे, रोज नहाने, ब्रश करने वाले,साफ़.सुथरा रहने वाले बच्चे, रोज आंगनवाड़ी आने वाले बच्चे, पोषण आहार अपने हाथ से खाने वाले, रंगों की पहचान करने वाले,बाल गीत सुनाने वाले, शरीर के अंगों के नाम बताने वाले, व्यक्तिगत व शौच के बाद साबुन से हाथ धोने वाले बच्चों वंशिका, दीपिका एवं महिमा को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिए। फेन्सी ड्रेस प्रतियोगिता में यशवंत को गांधीजी बनने पर प्रथम, किसान बने शिवकुमार को द्वितीय व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनी परिधि को बनने पर तृतीय पुरस्कार दिया। कविता,डांस प्रतियोगिता के प्रतिभागी बच्चों को भी पुरस्कृत किया। प्रथम बाल शिक्षा केंद्र गोमतीपुरा को मुख्य अतिथि गनपत उइके ने शासन द्वारा प्रदत आईएसओ सर्टिफिकेट कार्यकर्ता माधुरी रावत को दिया। बाल रंग कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने पूरक पोषण आहार से बनी आकर्षक प्रदर्शनी लगाई।
परियोजना इटारसी में चित्रकला
महिला बाल विकास आफिस पुरानी इटारसी में जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बच्चों के लिये चित्रकला प्रतियोगिता के अलावा नृत्य और अन्य कार्यक्रमो का भी आयोजन किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में अटल बाल पालक श्रीमती सीमा भदौरिया शामिल हुईं।
बच्चों को पाठ्य सामग्री बांटी
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिन 14 नवंबर बाल दिवस के उपलक्ष में रामगढ़ प्राथमिक शाला एवं शासकीय कन्या शाला पुरानी इटारसी में बच्चों को पाठ्य सामग्री भेंट की गई। शासकीय कन्या महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष एवं युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मयूर जायसवाल ने बच्चों को पेंसिल किट देकर उनको पढ़ाई में मेहनत करके अच्छे नंबरों से पास होने को कहा। उन्होंने कहा कि पं. नेहरु को बच्चों से खासा लगाव था। बच्चे भी उनको चाचा नेहरु कहते थे। पंडित नेहरु और बच्चों के इसी खास प्रेम के कारण ही उनके जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।