इटारसी। मानव जीवन में होली के रंगों का भी विशेष महत्व है, जो हमारे संासारिक जीवन को उमंगता के परिवर्तन की और ले जाता है और इस उमंगता का सकारात्मक संदेश मिलता भगवान श्री कृष्ण की उन बाल लीलाओं में जो उन्होंने बृज की होली के रूप में संसार को दिया है। उक्त उद्गार नर्मदांचल के कथा वाचक जगदीश पांडेय ने ग्राम घाटली में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में व्यक्त किये।
सामाजिक कार्यकर्ता कुसुम बाई चौधरी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथा को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा की वर्तमान समय होली उत्सव का चल रहा है, होली पर्व की धार्मिक और सामाजिक महत्ता क्या है, हमें होली कैसे मनाना चाहिये। इसका संपूर्ण ज्ञान कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा, वृंदावन, गोकूल एवं बरसाने की उन बाल लीलाओं में दिया है जिसमें वह श्री राधा रानी एवं गोप गोपीकाओं के साथ फूलों की होली, फूलों के रंगों की होली एवं लट्ठमार होली खेलते हैं, उनकी यह प्रेममयी लीलाएं आज भी हम सब के जीवन में रंगों की उमंगता प्रदान करती है। कथा के अंतिम पहर में भगवान गोवर्धन प्रसंग का वर्णन किया। संगीत मंडल के सदस्य पंडित हरिनारायण दुबे ने भगवान के मधुर भजनों की प्रस्तुति दी। सोमवार को रुकमणि विवाह का आयोजन होगा।