इटारसी। राम केवल हिन्दुओं के नहीं बल्कि सभी धर्म सम्प्रदाय के पूज्य हैं। इसलिए सबकी श्रद्धा है, रामजन्म भूमि पर राम का भव्य मंदिर बनना चाहिए। जिस दिन यह हो गया समझो रामराज्य आ जायेगा। उक्त ज्ञानपूर्ण उद्गार राष्ट्रसंत श्री महावीर दास ब्रह्मचारी ने तवा तट ग्राम सोनतलाई में श्री शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीराम चरित मानस प्रवचन समारोह के समापन समारोह में व्यक्त किए।
चैत्र नवरात्रि के अवसर पर मां कात्यायनी देवी की धरा पर ग्राम सोनतलाई में आयोजित श्रीराम चरित मानस प्रवचन समारोह के समापन अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं के समक्ष रामराज्य प्रसंग का राष्ट्रवाद के रूप में वर्णन करते हुए श्री ब्रह्मचारी ने कहा कि रामराज्य मात्र कल्पना करने से नहीं आयेगा और ना जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद, सम्प्रदायवाद से नहीं आएगा। रामराज्य आएगा संतों के आशीर्वाद एवं आपसी भाईचारे से प्रेमभाव से। चूंकि त्रेतायुग में जब रामराज्य था, तब यह सब मर्यादामयी विशेषताएं थीं और यह विशेषताएं फिर से आ जायेगी। लेकिन कब जब अयोध्या में भव्य राममंदिर बन जायेगा।
उपरोक्त प्रसंग को ही विस्तार देते हुए मानस विदुषी राधा शर्मा ने कहा कि कल्पना महात्मा गांधी एवं विनोबा भावे ने भी की थी। लेकिन फिर भी देश में रामराज्य नहीं आया। चूंकि हमारा देश भारत विभिन्न जाति, धर्म भाषा में सम्प्रदायवाद में बंटा है। इसलिए रामराज्य की स्थापना बड़ा कठिन कार्य है। हमीरपुर के बजरंग दास रामायणी ने प्रसंग को विस्तार देते हुए कहा कि अगर भारत वर्ष का जन-जन अपना चरित्र सुधार ले तो फिर देश व राज्य सब जगह रामराज्य आ जाएगा। छतरपुर के राघवेन्द्र रामायणी ने भी अयोध्या में रामजन्मभूमि पर शीघ्र मंदिर निर्माण की परिकल्पना करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अपेक्षा आपसी भाईचारे से ही मंदिर का निर्माण होना चाहिए और होगा भी यही। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को आपसी मध्यस्थता के लिए छोड़ दिया है।
ग्राम सोनतलाई में आयोजित इस विशाल धार्मिक अनुष्ठान के समापन दिवस में दोपहर 12 बजे श्री शतचंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई जिसमें मुख्य यजमान रामशंकर तिवारी एवं कार्यक्रम संयोजक राजीव दीवान सहित समिति के सभी सदस्यों ने शामिल होकर क्षेत्र की सुख शांति के श्रद्धामयी पूर्णाहुति प्रदान की। शाम साढ़े पांच बजे श्रीराम चरित मानस प्रवचन समारोह के समापन अवसर पर इस आयोजन के मेरुदंड श्री श्री 1008 महावीर दास जी ब्रह्मचारी सहित सभी प्रवचनकर्ताओं एवं यज्ञ कर्ताओं साथ ही नर्मदांचल के ख्यातिप्राप्त भजन गायक आलोक शुक्ला का भी स्वागत सम्मान किया। कार्यक्रम संयोजक एवं मां कात्यायनी देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष राजीव दीवान ने सभी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि संतों के आशीर्वाद से यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।