इटारसी। रोगी कल्याण समिति साधारण सभा की बैठक शनिवार को नर्सेस ट्रेनिंग सेंटर के सभागार में हुई। रोकस की साधारण सभा ने कार्यकारिणी के 22 जून को हुई बैठक के दो निर्णयों को पलट दिया शेष निर्णयों पर सहमति दे दी है। बैठक में आमंत्रण के बावजूद एसडीएम नहीं पहुंचे। इस पर नाराजी जताते हुए विधायक डॉ. शर्मा ने कहा कि वे आएं तो अच्छा रहेगा और नहीं आना है तो जाएं।
साधारण सभा ने कार्यकारिणी के उस निर्णय को संशोधित किया है जिसमें ब्लड बैंक के चार्जेस 450 रुपए से 1050 रुपए कर दिये थे। इसी तरह से सोनोग्राफी का शुल्क 2 सौ रुपए से बढ़ाकर ढाई सौ रुपए कर दिया था। साधारण सभा में ब्लड बैंक के चार्जेस घटाकर 800 रुपए करने पर सहमति हुई जबकि सोनोग्राफी का शुल्क यथावथ रखा है। इसी तरह से कार्यकारिणी ने अस्पताल परिसर में बनी दुकानों का किराया नहीं देने वाले दुकानदारों की दुकानें निरस्त करने का निर्णय लिया था। साधारण सभा ने इसे निरस्त करते हुए निजी एजेंसी से वसूली कराने पर जोर दिया है। एक अन्य निर्णय में अस्पताल परिसर में नलकूप खनन रोगी कल्याण की राशि से कराने पर सहमति हुई। बैठक में साधारण सभा के अध्यक्ष विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की प्रतिनिधि के तौर पर होशंगाबाद से डॉ. नलिनी गौर, विधायक प्रतिनिधि भरत वर्मा, और देवेन्द्र पटेल, डॉ. कमलेश कुम्हरे, लोक निर्माण विभाग के एसडीओ एके मेहतो भी मौजूद थे।
एसडीएम नहीं आए बैठक में
रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा की बैठक में एसडीएम हरेन्द्र नारायण को भी आमंत्रित किया गया था। अस्पताल अधीक्षक एके शिवानी का कहना है कि उनको आमंत्रण भेजा था और आज सुबह भी उनसे टेलीफोन पर चर्चा भी हुई थी। लेकिन, वे फिर भी नहीं आये। इस पर विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा ने कहा कि वे कानून भी नहीं पड़ते हैं, जबकि कानून का हवाला देकर निर्णय देने की बात करते हैं। वे बैठक में आएंगे तो अच्छा होगा और नहीं आएं तो जाएं।
दुकानों पर ये बोले विधायक
रोगी कल्याण समिति कार्यकारिणी की बैठक में 22 जून को एसडीएम हरेन्द्र नारायण की अध्यक्षता में जो निर्णय लिए गये थे उसमें रोकस की जिन दुकानों का किराया नहीं आ रहा है, उनको अंतिम नोटिस देकर सख्ती से वसूली करने और तीन दिन में दुकानें निरस्त करने को कहा था। हालांकि साधारण सभा के अध्यक्ष विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा कि एसडीएम को नियम मालूम नहीं है। ऐसा नहीं कर सकते हैं। हमने उस निर्णय को संशोधित किया है।
दो डाक्टर्स के लिए पत्र लिखा
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल में डाक्टर्स की कमी के कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। रोगी कल्याण समिति भी लंबे समय से प्रयास कर रही है कि यहां डाक्टर्स आएं। लेकिन प्रदेश में डाक्टर्स की कमी के कारण यहां डाक्टर लाना संभव नहीं हो पा रहा है। हाल ही में अस्पताल प्रबंधन ने दो डाक्टर के लिए पत्र लिखा है। विधायक डॉ. शर्मा ने कहा कि वे भी शासन स्तर पर प्रयास करेंगे कि जो प्रस्ताव अस्पताल प्रबंधन ने भेजा है वह मंजूर हो जाए।